उत्तर प्रदेश: 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला मामला , टॉपर को नहीं पता देश के राष्ट्रपति का नाम

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एसटीएफ करेगा यूपी टीचर घोटाला मामले की जांच
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जब से सोशल मीडिया का श्रीगणेश हुआ है, नितरोज ऐसे वीडियो आते थे, जिसमें अध्यापकों को अपने ही मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक के नाम जानने के अलावा अंग्रेजी में सप्ताह और महीनों के नाम नहीं लिख सकते। कक्षा में अध्यापिका द्वारा सोना, स्वेटर बुनने के अतिरिक्त मसाज करवाने के वीडियो आते रहे हैं। मायावती से लेकर आज योगी आदित्यनाथ की सरकार आ चुकी है। सवाल यह है कि पिछली सरकारों ने इस गंभीर समस्या पर मंथन क्यों नहीं किया? 
अभिभावक आखिर अपने बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन उनके अध्यापक ही जब बेसिक शिक्षा से अज्ञान होंगे, बच्चों को क्या पढ़ाएंगे?
उत्तर प्रदेश के 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। डीजीपी मुख्यालय की तरफ से एसटीएफ को इस मामले की जांच सौंपी गई है।एएसपी रैंक की एसटीएफ टीम अब इस मामले की जांच करेगी। इस मामले में अब तक लगभग 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री के मुताबिक एक गिरोह पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्रयागराज से साठ गांठ कर परीक्षार्थियों की गैर कानूनी ढंग से मदद कर उनसे पैसे की वसूली करता था।
उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उन्हें डिबार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस घोटाले में उसके प्रबंधक और संबंधित स्टाफ जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आज प्रयागराज पुलिस ने धर्मेन्द्र को गिरफ्तार किया है।उत्तर प्रदेश में 69000 टीचरों की भर्ती परीक्षा के टॉपर धर्मेंद्र पर आरोप है कि इन्हें देश के राष्ट्रपति तक का नाम नहीं पता है। प्रयागराज की पुलिस ने आज उन्हें गिरफतार कर लिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस इस पूरे मामले को यूपी का व्यापम घोटाला बता रही है।

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