*श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय, एक मशहूर कम्पनी एनरॉन ने महाराष्ट्र के दाभोल में कारखाना लगाने की प्लानिंग की, लेकिन यह स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण हो न सका। फलस्वरूप बदलती विषम परिस्थितियों से नाराज एनरॉन ने भारत सरकार पर 38,000 करोड़ के नुकसान की भरपाई का मुकदमा दायर कर दिया।*
*वाजपेयी सरकार ने हरीश साल्वे, जिन्हें आप सभी जानते है ने कुलभूषण जाधव का मुकदमा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लड़ कर जीता, को भारत सरकार का वकील नियुक्त किया। पर आप जान कर चोंक जाएंगे कि एनरॉन के वकील पी चिदंबरम बने यानी पी चिदंबरम भारत के विरुद्ध।*
*समय बीता, यूपीए सरकार बनी, कैबिनेट मंत्री चिदंबरम एनरॉन की तरफ से मुकदमा नहीं लड़ सकते थे पर वो कानूनी सलाहकार बने रहे और वो मुकदमे को एनरॉन के पक्ष में करने में सक्षम थे।*
*अगला खुलासा और चौकानें वाला है।*
*चिदंबरम ने तुरंत हरीश साल्वे को एनरॉन केस से हटा दिया।हरीश साल्वे की जगह खबर कुरेशी को नियुक्त किया,आप ठीक समझे, ये वही पाकिस्तानी वकील है जिसने कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान सरकार का मुकदमा लड़ा।*
*कांग्रेस ने भारत सरकार कि तरफ से पाकिस्तानी वकील को 1400 करोड़ दिये वकील कि फीस के रुप में। अंततः भारत मुकदमा हार गया और भारत सरकार को 38,000 करोड़ का भारी भरकम मुआवजा देना पड़ा। लेकिन लुटीयन मिडिया ने ये खबर या तो गोल दी या सरसरी तौर पर नहीं दिखाई ।*
*अब सोचिए कि 38000 करोड़ का मुकदमा लडने के लिए फीस कितनी ली होगी ? जो पाठक किसी क्लेम के केस मे वकील कि फीस तय करते है उन्हें पता होगा कि वकील केस देखकर दस प्रतिशत से लेकर साठ प्रतिशत तक फीस लेता है।*
*सोचिए इस पर कोई हंगामा नही हुआ ?*
*अगर ये केस मोदी के समय मे होता और भारत सरकार कोर्ट में हारती तो? चमचो की छोड़िए, भक्त भी डंडा लेकर मोदी के पीछे दोड़ते ।*
*और मजेदार बात जिन कम्पनियों का एनरान मे निवेश करके यह प्रोजेक्ट केवल फाईल किया था उनका निवेश महज मात्र 300 मिलियन डालर याने उस वक्त कि डालर रुपया विनियम दर के हिसाब से महज 1530 करोड़ था और वह भी बैठे बिठाये। महज सात साल मे 38,000 करोड़ का फायदा वो भी एक युनिट8 बिजली का संयंत्र लगाये बिना ???*
*कांग्रेस हमारी सोचने की क्षमता से भी ज्यादा विनाशकारी है।*
दिव्या रश्मि से साभार