भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर राज्य में आतंकवाद और अलगाववादियों के नेटवर्क पर गहरी चोट की। इसके बाद जहाँ पर भारत का झंडा फहराना भी मुश्किल हुआ करता था, तिरंगे का अपमान करना आम बात थी, जिस पर छद्दम धर्म-निरपेक्ष एवं तुष्टिकरण के पुजारी चुपचाप आंख बंद कर लेते थे। आतंकवादियों और पत्थरबाजों को बोलबाला था। लेकिन अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद से छुपे बैठे पाकिस्तानी समर्थकों की बेचैनी का यह आलम है कि वहाँ कुछ लोगों ने ‘प्राइड मार्च’ निकालने की योजना बनाई। हालाँकि, कश्मीर के कई स्थानीय लोगों को ये पसंद नहीं आया। जब से ‘प्राइड कश्मीर’ ने ये ‘प्राइड मार्च’ निकालने की बात की है, इस्लामी कट्टरपंथियों की तरफ से उन्हें केवल गालियाँ ही पड़ रही हैं।
एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें आकिब दार नामक व्यक्ति माँ और बहन की गाली देते हुए कह रहा है कि तू कश्मीर का हो ही नहीं सकता क्योंकि तू हिन्दू नस्ल का है। साथ ही उसने इसे सूअर की नस्ल भी बताया और धमकी दी कि अपनी जबान से वो कश्मीर का नाम न लें। साथ ही उसने ‘प्राइड कश्मीर’ के ‘प्राइड मार्च’ के आयोजक को ‘हिंदुस्तान का कुत्ता’ बताया और कहा कि वो तिरंगे पर रोज पेशाब करता है और भारतीय सेना की कश्मीरियों से ‘फटती’ है।
साथ ही आकिब ने धमकाया कि कश्मीर का नाम लेकर तू क्या उखाड़ लेगा, तेरी बहन %$# देंगे और पेज को रिपोर्ट करवा के बंद कर देंगे। साथ ही उसने अफजल गुरु को आतंकी कहने पर आपत्ति जताई और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और शहीद भगत सिंह को ‘सूअर का बच्चा’ बताया। उसने हिंदुस्तान की माँ $%२ देने की धमकी दी और कहा कि भारतीय सेना खौफ में ‘कुत्ते की तरह’ जीती है कश्मीर में क्योंकि उन्हें ‘डर’ रहता है कि वो कभी भी मर सकते हैं, बम गिर सकता है।
साथ ही उसने खुद को कश्मीरी बताते हुए पुलवामा हमले का महिमामंडन किया और इस तरह के और हमलों की भी धमकी दी। इसके बाद वो हिन्दू देवी-देवताओं को गाली देने पर उतर आया और उसने सीता माँ को अपशब्द कहे। आकिब ने धमकी दी कि तुम सब मरोगे और सेना के पुलवामा की तरह कभी भी ‘चीथड़े उड़ सकते’ हैं। उसने स्पष्ट बताया कि वो पाकिस्तानी नहीं है, कश्मीरी है। ट्विटर पर कई लोगों ने आकिब की इस भाषा पर आपत्ति जताई।
सबसे ज्यादा कट्टरपंथियों ने इन्स्टाग्राम पर इस मार्च को निशाना बनाया। एक यूजर ने लिखा कि ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा राज्य की डेमोग्राफी में बदलाव करने की साजिश का एक हिस्सा है। उसने लिखा कि उसे LGBT समुदाय से कोई समस्या नहीं है लेकिन साथ ही उसने इसे कश्मीरी पंडितों का प्रोपगंडा करार दिया। साथ ही उसने लिखा कि कश्मीरी इस चीज को बर्दाश्त नहीं करेंगे। कुछ ने तो इसे ‘कैंसर’ तक बता दिया।
एक ने तो माँ की गाली देते हुए इसे ‘टट्टीपना’ बताया। एक ने तो मुफ्त की सलाह दी कि ‘प्राइड कश्मीर’ मार्च निकालने की बजाए कश्मीरी लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करना चाहिए। बता दें कि अगर अनुच्छेद 370 के प्रावधान जब तक राज्य में लागू थे, तब तक वहाँ समलैंगिकता अपराध की श्रेणी में आता था। एक यूजर ने लिखा कि ‘प्राइड मार्च’ एक ऐसी चीज है, जो इजराइल से सीखी गई है। उसने कहा कि ये इजराइल में फेल हो गया था, यहाँ भी हो जाएगा।
एक ने तो लिखा कि भारत भले ही संविधान के नियम बदल दे लेकिन वो पैगम्बर मुहम्मद के नियमों को नहीं बदल पाएगा। उसने दावा किया कि इस्लाम में समलैंगिकता हराम है और ये सब ‘वायरस’ बाहर से आ रहे हैं। अपने डीपी में कम्युनिस्ट झंडा लगाए एक यूजर ने दावा किया कि ये सब गैर-इस्लामिक चीजें हैं और उसे रिप्लाई देते हुए उसके एक फॉलोवर ने कहा कि इससे प्लेग, टिड्डी सहित कई अन्य आपदाएँ आएँगी।