जमशेदपुर । गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में गंगा महासभा बिहार – झारखंड के उपाध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने अपने आवासीय परिसर में मां गंगा को स्मरण कर माँ गंगा के पुत्र समान अनन्य भक्त स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद ( प्रो जी डी अग्रवाल ) के चित्र पर पुष्पांजलि कर अपनी पूर्ण रूप से आस्था प्रकट की ।गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर श्री पोद्दार ने देशवासियों को दिए गए अपने संदेश में कहा कि विश्व का औषधि समान अद्भुत जल यह प्रकृति के द्वारा भारत वासियों को एक अनुपम देन है ।
हम इतने दिग्भ्रमित हो गए हैं कि ऐसे अद्भुत जल को नहीं बचा पा रहे हैं ।
गंगा के जल को बांधों में बांधकर रखने से 4 लाख 37 हजार प्रकार की जड़ी बूटियों के घर्षण से प्राप्त जल अब नहीं मिल रहा है ।
गंगा नदी को बांध दिया गया है । अब इस नदी में अन्य नदियों का जल आ रहा है । जो गंगाजल भागीरथी और अलकनंदा के संगम से प्राप्त होता था , वह निर्बाध जल नहीं मिल रहा है ।
यह बहुत ही दुखद एवं चिंताजनक स्थिति है । आज आवश्यकता है कि अलकनंदा एवं भागीरथी पर जितने भी बांध बनाये गए हैं , उन सब को तोड़ दिया जाए फिर चाहे वह अकूत धनराशि से बना टिहरी बांध ही क्यों न हो । उसे तोड़े जाने की आवश्यकता है , तभी हम निर्बाध एवं निर्मल औषधि युक्त जल प्राप्त कर सकेंगे ।
इस प्रकार आगे आने वाले समय में भी भुगतने के लिए तैयार रहें मेरी देशवासियों से अपील है चेत जाएं । केंद्र सरकार के सामने अपनी मांग उठाएं और टिहरी बांध के साथ-साथ अन्य सारे बांधों को तोड़ने के लिए आग्रह करें ।
आवश्यकता इस बात की है कि हम इस बात को समझें कि हमें बिजली से अधिक जल की आवश्यकता है । इस बात को समझने की आवश्यकता है ।यह जानकारी गंगा महासभा बिहार झारखंड के द्वारा जारी की गई एक विज्ञप्ति में दी गई है ।
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