@diorIucas नाम के यूजर द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई वीडियो में आप देख सकते हैं कि दंगाई लगातार इस्लामिक नारे लगा रहे हैं। वे ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ के साथ ही ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते हुए देखे और सुने जा सकते हैं।
he said
”La ilaha illa Allah Muhammed asul Allah” KEJDJDK I LOVE MY PPL the back flip and lil dance at the end SENT
दूसरे वीडियो में आप देख सकते हैं कि सैकड़ों की संख्या में सड़क पर प्रदर्शनकारी जमा हैं। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को अर्धनग्न अवस्था में देखा जा सकता है, जिनमें महिलाएँ भी शामिल हैं।
वीडियो में आप देखेंगे कि एक महिला पल्टी कार के ऊपर चढ़ती है और अपने कपड़े उतारकर विरोध जताती है। इतना ही नहीं पास में खड़े लोग अपने मोबाइल से इस दृश्य को कैद करने में लगे हुए हैं।
इस प्रदर्शन के एक फोटो को @Millie__Weaver नाम के यूजर ने भी अपने ट्विटर एकाउंट से शेयर किया है।
A woman defecates on an overturned police car at the Salt Lake protest/riot.#PoopingForJustice #chicagoprotest #phillyprotest #clevelandprotest #laprotest
46 वर्षीय अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की एक मिनिपोलिस पुलिस अधिकारी के हाथों मौत हो गई थी। कथित तौर पर उस मिनिपोलिस पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड की गर्दन पर लगभग 9 मिनट तक अपना घुटना रखा। जॉर्ज फ्लॉयड इस दौरान घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा।
उसने यह भी कहा कि वह साँस नहीं ले पा रहा है। लेकिन पुलिस अधिकारी नहीं पिघला और फ्लॉयड की मौत हो गई। इसके बाद लोगों का गुस्सा पुलिस के प्रति भड़क गया और हिंसक रूप ले लिया।
शनिवार (30 मई 2020) को यह विरोध-प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया, जिसके कारण कई शहरों ने कर्फ्यू लगा दिया गया। फिलाडेल्फिया में प्रदर्शनकारियों ने मियामी में राजमार्ग को यातायात को बंद करने के दौरान एक मूर्ति को गिराने की कोशिश भी की।
पिछले साल भारत में हुए सीएए विरोध प्रदर्शनों में के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान छात्रों को ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदान रसूलुल्लाह का नारा लगाते हुए सुना गया था।
इतना ही नहीं शरजील इमाम के समर्थन में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने द्वारा 22 फरवरी, 2020 को निकाले गए मार्च में भी जामिया के छात्रों ने ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ जैसे मजहबी नारे लगाए थे। साथ ही कई अन्य नारों के जरिए मोदी सरकार का विरोध किया गया था और शरजील इमाम का समर्थन किया गया था।