नीतीश एक बड़बोले नेता हैं , जिन्हें अब अपना बोरिया बिस्तर बांधने की तैयारी कर लेनी चाहिए : अमर गौतम

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पटना । ( संवाददाता ) बिहार के सीएम नीतीश कुमार बड़बोले नेता हैं , जिन्होंने बिहार की जनता को मूर्ख बनाने के अलावा और कुछ नहीं किया। उन्होंने बिहार की जनता को बार-बार इस धोखे में रखा है कि वह बिहार को देश का पहले नंबर का राज्य बना कर ही रुकेंगे , परंतु इतिहास गवाह है कि उनके रहते हुए बिहार प्रगति के क्षेत्र में निरंतर पिछड़ रहा है।
हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अमर गौतम ने कहा है कि एक बार नीतीश कुमार ने कहा था कि केन्द्र बिहार की खासियत और समस्याओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाये। एक ही तरह की योजना से पूरे देश का विकास संभव नहीं है।

क्षेत्रीय असमानता रहेगी तो सिर्फ बिहार ही नहीं कई अन्य राज्यों का भी विकास नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा था कि बिहार की 6 खासियतें हैं- ऐतिहासिक स्थल, कृषि योग्य भूमि, उपजाऊ जमीन, मेहनती लोग, टेलेंटेड युवा और बिहारियों की इच्छा शक्ति। वहीं तीन मूल समस्याएं हैं-अधिकतम जनसंख्या घनत्व, बाढ़ और लैंड लॉक्ड स्टेट। योजनाएं बनाते समय इन बातों का ध्यान रखते हुए लक्ष्य प्राप्त करने का तरीका निकालना होगा। बिहार को विशेष दर्जा मिल जाये तो हम चीन को पीछे छोड़ सकते हैं। फिलहाल सीमित इलाके के विकास पर देश का विकास दर निर्भर है। अब बिहार के लोग नीतीश कुमार से पूछ रहे हैं कि उन्होंने भाजपा के साथ राजनीतिक गठबंधन करने के उपरांत भी केन्द्र की मोदी सरकार से अपने द्वारा दिए गए भाषण के उपरोक्त अंशों को लागू कराने की दिशा में कितना काम किया ? निश्चित रूप से उन्होंने सिवाय भाषणबाजी के और कुछ नहीं किया । जिसे अब प्रदेश की जनता समझ चुकी है।

हिंदू महासभा नेता ने कहा कि उस समय सीएम ने कहा था कि यातायात के साथ जमीन की कीमत बढ़ने से फ्लाईओवर बनाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचा है। दीघा एम्स एलिवेटेड और लोहिया पथ चक्र देश में यूनिक होगा। राज्य में रोड नेटवर्क अच्छा होने से टूरिज्म व्यापार दोनों बढ़ रहा है।
सिर्फस्टेट हाइवे और जिलों की सड़कें ही नहीं, अब तो सात निश्चय के तहत टोलों को जोड़ने पर तेजी से काम हो रहा है। रोड एक्सीडेंट को ध्यान में रखकर रोड सेफ्टी फंड बनाया गया है। शराबबंदी से रोड एक्सीडेंट में कमी आयी है और धारणाओं के उलट देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने उस समय विकास आयुक्त से चम्पारण सत्याग्रह समारोह के अवसर पर बिहार के सारे अधिकारियों को ‘मेकिंग ऑफ महात्मा’ फिल्म दिखाने की सलाह दी थी ।
अब मुख्यमंत्री के इन निर्देशों और दावों की भी पूरी तरह पोल खुल चुकी है क्योंकि प्रदेश की स्थिति सड़कों के मामले में भी अन्य प्रदेशों के मुकाबले बहुत ही दयनीय है । ऐसे में सुशासन बाबू को अब बोरिया बिस्तर बांधने की तैयारी करनी चाहिए , क्योंकि इस बार प्रदेश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

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