1857 की क्रांति के महानायक धनसिंह कोतवाल शोध मेरठ ।( विशेष संवाददाता ) यहां पर 1857 के क्रांति नायक शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा “किसानों के मसीहा , कृषक सचेतक , चौधरी चरण सिंह एवं कृषक आंदोलन के प्रणेता धरती पुत्र श्री विजय सिंह पथिक” की पुण्यतिथि के अवसर पर एक उपनिषद ( वेबीनार ) का आयोजन किया गया ।
जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और बागपत के सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने कहा कि विजय सिंह पथिक और चौधरी चरणसिंह दोनों ही किसानों की उन्नति व समृद्धि के दर्शन को लेकर आगे बढ़े थे । उनका जीवन इसी दर्शन को साकार करने में लगा रहा । उन्होंने कहा कि विजय सिंह पथिक एक क्रांतिकारी नेता थे। उसी प्रकार चौधरी चरण सिंह ने भी अपने चिंतन और राजनीतिक दर्शन के आधार पर किसानों की भलाई के काम किए। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी सरकार भी इसी सोच व चिंतन को लेकर आगे बढ़ रही है और किसानों का कल्याण करना इन सरकारों की प्राथमिकता में है।
इससे पूर्व उपस्थित हुए गणमान्य व्यक्तियों का वाचिक सत्कार शोध संस्थान के चेयरमैन श्री तस्वीरसिंह चपराना द्वारा किया गया । उन्होंने संस्थान के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला और आज के विषय को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि इतिहास के दो महानायकों को शोध संस्थान अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है । जबकि डॉ राकेश कुमार आर्य (वरिष्ठ पत्रकार एवं इतिहासकार) द्वारा वेबीनार के विषय पर सर्वप्रथम अपने विचार व्यक्त किए गए।
डॉ आर्य ने कहा कि विजय सिंह पथिक एक क्रांतिकारी नेता थे। जिन्होंने 21 फरवरी 1915 को देश को आजाद कराने की तारीख निश्चित कर दी थी। यह अलग बात है कि अंग्रेजों को क्रांति की पूर्व सूचना मिलने पर उनकी योजना सफल नहीं हो पाई ।परंतु उन्होंने बिजोलिया , बरार , सिरोही जैसे कई स्थानों पर देश के लोगों का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह एक ईमानदार किसान नेता थे। जिन्होंने किसानों की उन्नति के लिए जमीदारी उन्मूलन कानून को लागू कराया , चकबंदी अधिनियम बनवाया और भूमि सुधार के अनेकों कार्य कर अपने चिंतन को साकार किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सांसद एवं राष्ट्रीय किसान नेता विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक का जीवन हम सब के लिए प्रेरणा का स्रोत है।। उसी प्रकार चौधरी चरण सिंह एक ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपने जीवन को किसानों की भलाई के लिए मोमबत्ती की तरह प्रयोग किया । श्री तोमर ने कहा कि इतिहास नायकों को स्मरण करना किसी भी देश व समाज के लिए इसलिए आवश्यक होता है कि उनके महान कार्य की परंपरा को इस माध्यम से जीवित रखा जा सकता है । उन्होंने कहा कि विजय सिंह पथिक और चौधरी चरण सिंह दोनों के भीतर ही देशभक्ति और ईमानदारी कूट-कूट कर भरी थी । जिनके जीवन से हमें आज भी प्रेरणा मिलती है ।
इस अवसर पर पूर्व प्रधान भोपाल सिंह गुर्जर ने भी दोनों नेताओं को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि विजय सिंह पथिक और चौधरी चरण सिंह जी किसानों की समस्याओं और उनके समाधान के परिप्रेक्ष्य में आज भी हमारे लिए प्रासंगिक है। वर्तमान में किसानों की समृद्धि में इन दोनों इतिहास नायकों का महान योगदान है।
नवाब सिंह नागर ( पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवं चेयरमैन उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान उत्तर प्रदेश ) ने कहा कि चौधरी चरण सिंह और विजय सिंह पथिक दोनों ही राष्ट्रीय सोच के व्यक्तित्व थे। जातिवाद और प्रत्येक प्रकार की संकीर्णता से ऊपर उठकर उन्होंने राष्ट्र , समाज और किसान वर्ग के लिए काम किया । जिसकी प्रेरणा आज भी हमें ऐसा ही बनने की शिक्षा देती है।
रामसकल गुर्जर ( पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ) ने कहा कि किसानों , मजदूरों , दलित ,शोषित ,उपेक्षित समाज का कल्याण वही व्यक्ति कर सकता है जो इनके दुख दर्द को नजदीक से देखता है । पथिक साहब और चौधरी चरण सिंह दोनों ने ही उनके दुख दर्द को नजदीक से देख कर दूर करने का प्रयास किया था। जगत सिंह ( पूर्व एमएलसी) ने चौधरी चरण सिंह के साथ बीते अपने समय के संस्मरण सुनाये और उन्हें किसानों का मसीहा बताते हुए उनके चिंतन की भूरी भूरी प्रशंसा की ।
सतवीर त्यागी ( विधायक) ने कहा कि वर्तमान राजनीति के लिए चौधरी चरण सिंह और विजय सिंह पथिक दोनों ही प्रेरणा के स्रोत हैं खासतौर से युवा पीढ़ी को इन दोनों महानायकों के जीवन से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।
कमल मलिक ( विधायक ,गढ़) नए अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विजय सिंह पथिक जहां एक महान क्रांतिकारी थे वहीं किसानों के भी मसीहा थे । इसी प्रकार चौधरी चरण सिंह भी एक विद्वान राजनीतिज्ञ के साथ साथ किसानों के महान नेता भी थे । सपा नेता राजकुमार भाटी ने कहा कि विजय सिंह पथिक एक महान क्रांतिकारी के साथ-साथ एक अच्छे लेखक , कवि और 6 अखबारों के सुयोग्य संपादक भी थे । उनके व्यक्तित्व के इस गुण को भी आज की पीढ़ी को समझने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह और विजय सिंह पथिक दोनों ही दार्शनिक बुद्धि के व्यक्तित्व थे।
वेबीनार में राकेश छोकर वरिष्ठ पत्रकार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें प्रत्येक प्रकार की संकीर्णता को छोड़कर विजय सिंह पथिक और चौधरी चरण सिंह जैसे राष्ट्रीय नेताओं का राष्ट्रीय दृष्टिकोण से ही सम्मान करना चाहिए जिससे समाज का परिवेश अच्छा बने। इस अवसर पर डॉक्टर संजीव कुमारी हरियाणा , डॉ राकेश राणा (प्रोफ़ेसर समाजशास्त्र) प्रधान भोपाल सिंह गुर्जर , चौधरी कल्याण सिंह , चौधरी अमन सिंह महावीर पोसवाल , जगत सिंह दोसा , मुकेश कुमार चौधरी , डॉ केशव सिंह पाटिल, डॉक्टर यतेंद्र कटारिया , डॉ कुलदीप महुआ, श्री सूरजपाल सिंह , डॉक्टर सतीश शास्त्री , अभिषेक चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और दोनों महान नेताओं के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान और उसके बाद के भारत के निर्माण में उनकी भूमिका की प्रशंसा की। कार्यक्रम का सफल संचालन तस्वीर सिंह चपराना द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सरजीत सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख द्वारा किया गया।
शोध संस्थान के जिन सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में विशेष रुप से अपनी भूमिका निभाई उनमें इंजीनियर सुरेंद्र वर्मा , श्री भोपाल सिंह गुर्जर , कैप्टन सुभाष , ब्रजपालसिंह चौहान , जबर सिंह चेयरमैन , गुलवीर पार्षद , एडवोकेट सुरेंद्र नागर , मनोज धामा , ब्रह्मसिंह निडावली , अजय सिंह , जगतदौसा , विरेंद्र सिंह , सरदार कर्मेंद्र सिंह, डॉक्टर रेणु जैन , डॉक्टर ज्ञानतोष कुमार झा , डॉक्टर राकेश राणा , मुकेश चौधरी , डॉक्टर यतेंद्र कटारिया , डॉक्टर अरुण पाटिल , देवेश चंद्र शर्मा ,डॉक्टर हरेंद्र , डॉक्टर धनपाल , डॉ अशोक , सुभाष गुर्जर , श्री संजीव नागर , श्रीमती सुगम धामा , डॉ प्रशांत कुमार , सुनील पोसवाल , नवीन गुप्ता के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं ।