नई दिल्ली। सरकार ने देश के 11 नगर पालिका क्षेत्रों से कहा है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए तैयारी सुनिश्चित करने की खातिर आगामी दो महीने में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के इन 11 नगरपालिका क्षेत्रों में ही कोरोना वायरस के ऐसे 70 प्रतिशत मामले सामने आए हैं।
सरकार ने इन क्षेत्रों से कहा है कि वे कोरोना वायरस मामलों के प्रबंधन के लिए पुराने शहरों, शहरी झुग्गी बस्तियों और अधिक आबादी वाले इलाकों में निगरानी बढ़ाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए प्रधान स्वास्थ्य सचिवों और नगरपालिका आयुक्तों एवं 11 नगरपालिका क्षेत्रों के अन्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। सूदन ने उनसे अपील की कि वे उन जगहों पर व्यापक जांच के जरिए संक्रमण रोकथाम पर जोर दें, जहां संक्रमण फैलने का खतरा अधिक है। इसके अलावा मृत्यु दर कम करने के लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों का उचित उपचार सुनिश्चित किया जाए।
देश में रविवार को लगातार तीसरे दिन कोविड-19 के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई। पिछले 24 घंटे में 6,767 नये मामले सामने आए और 147 लोगों की मौत हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक संक्रमण के कुल मामले 1,31,868 हो गए है जबकि बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या 3,867 पर पहुंच गई है। मंत्रालय के बुलेटिन के मुताबिक 73,560 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि 54,440 लोग स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘करीब 41.28 प्रतिशत मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं।’’
मंत्रालय ने बताया कि बैठक में कुल पुष्ट मामलों, मामलों की मृत्युदर, मामलों के दोगुने होने के समय, प्रति 10 लाख लोगों में जांच और पुष्टि की प्रतिशतता संबंधी आंकड़ों को रेखांकित किया गया। उसने अपने बयान में कहा, ‘‘बैठक में यह बताया गया गया कि उन निगमों के सामने चुनौती बड़ी है, जहां मामलों के दोगुने होने का समय कम, मृत्युदर अधिक और मामलों की पुष्टि की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।’’ बैठक में बताया गया कि कुछ नगरपालिका क्षेत्रों में जांच की दर बढ़ाए जाने की आवश्यकता है ताकि मामलों का जल्दी पता चल सके, संक्रमित लोगों का जल्द उपचार किया जा सके और मृत्यु दर में कमी आ सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आगामी दो महीने में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा मजबूत करने की जरूरत है और ऑक्सीजन, वेंटीलेटर एवं आईसीयू बिस्तरों के साथ पृथक-वास की सुविधा पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।