आर.बी.एल. निगम, वरिष्ठ पत्रकार
अपनी जान को जोखिम में डालकर स्वास्थ्यकर्मी कोरोना मरीजों की जान बचाने में रात-दिन लगे हुए हैं। यहां तक कि कोरोना मरीजों की जांच के लिए गई मेडिकल टीम पर पत्थरों की वर्षा की गई, जिसमें कई स्वास्थ्यकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा लॉकडाउन का पालन कराने गए पुलिसकर्मियों को पत्थरवर्षा का सामना करना पड़ा। लेकिन दुख और हैरानी की बात है कि कुछ नेताओं को स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हुई पत्थरवर्षा से कोई परेशानी नहीं हुई। हिंसक हमलों के बावजूद उन्होंने मौनव्रत धारण कर लिया। जब तीनों सेनाओं ने स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुष्पवर्षा की, तो उन्हें परेशानी होने लगी और उनकी आवाज भी लौट आई। नेताओं ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए इस सम्मान समारोह को तमाशा, सर्कस और फिजूलखर्ची करार दिया।
सीताराम येचुरी ने बताया सम्मान समारोह को तमाशा
कोरोना से लड़ने वाले सभी लोगों को कोरोना वॉरियर्स का नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वॉरियर्स को सम्मान में ताली और थाली बजाने के बाद दीपक जलाने की अपली की। जिसे लोगों का पूरा समर्थन मिला। इसी क्रम में तीनों सेनाओं ने कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में फ्लाई पास्ट निकालने का फैसला किया और 3 मई को अस्पतालों और पुलिस मुख्यालय पर आसमान से पुष्पवर्षा की गई। लेकिन वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने इस सम्मान कार्यक्रमों को तमाशा बता दिया। उनके बयान से लगता है कि उन्हें गरीब मजदूरों की चिंता है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मियों की जान की परवाह नहीं है।
जितना ख़र्च तमाशों में, PM के नये घर के लिए या Flypast इत्यादि में केंद्र सरकार कर रही है, उससे कहीं कम में, सभी त्रस्त मज़दूरों को, ₹7500 प्रति माह कम से कम तीन महीनों तक दिया जा सकता है। लाखों की आजीविका तब समाप्त हो गयी थी जब केंद्र ने बिना योजना के लाक्डाउन की अचानक घोषणा की
PR, Statues, Central vista, a new home for PM & tamashas are the priority for the Centre while public health languishes. Costs for the flypast would outstrip costs of transporting stranded migrants home. In an act of cruelty, they are being charged for returning home! Shameful.
कोरोना वायरस के लिए चीन को दोषी ठहराने पर सीताराम येचुरी और उनकी पार्टी को परेशानी होती है, वे इसका खुलकर विरोध करते हैं। जब कोरोना फैलाने को लेकर तबलीगी जमात की आलोचना होने लगी तो वाम नेताओं ने मरकज का बचाव करने की पूरी कोशिश की। लेकिन कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे हमलों पर उनकी आंखें नहीं खुली। जब मोदी सरकार कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करती है, तो उन्हें तमाशा लगता है। येचुरी ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने की जगह तमाशा को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।
ममता सरकार ने इजाजत नहीं दी
पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने वायुसेना को फ्लाई पास्ट की इजाजत नहीं दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वायुसेना के अधिकारी ने कहा कि बंगाल के दो अस्पतालों में वायुसेना ने पुष्पवर्षा की योजना बनाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। केंद्र और ममता सरकार के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान केंद्रीय टीम भेजने, मौतों की वजह स्पष्ट करने को लेकर तनाव चल रहा है। केंद्र ने राज्य में टेस्टिंग क्षमता को लेकर भी चिंता जाहिर की है।
समाजवादी पार्टी ने भी उठाया सवाल
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा है कि यूपी में क्वारैंटाइन सेंटर्स में बदसलूकी की खबरें आ रही हैं। कहीं खाने-पीने की कमी की समस्या उठाने पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है। ऐसे में फूल बरसाने का क्या मतलब है?