बच्चों को ज़रूर कराएं देश के इन खूबसूरत गांवों की सैर
कंचन सिंह
मेघालय का ही एक और गांव है मावलिनॉन्ग जिसे एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा मिला हुआ है। स्मित की तरह ही यह गांव भी प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है। मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से करीब 90 हजार की दूरी पर स्थित यह गांव साफ-सुथरा होने के साथ ही बेहद खूबसूरत भी है।
शहर की भीड़-भाड़ और व्यस्तता के बीच जब कभी समय मिले और खासतौर पर बच्चों कि छुट्टियां हो तो उन्हें किसी फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन ले जाने की बजाय देश के कुछ खूबसूरत गांवों की सैर करवाइए। यहां न सिर्फ मन को सुकून मिलेगा, बल्कि यहां कि कुदरती खूबसूरती और शांत वातावरण आपके पूरे परिवार की थकान और तनाव दूर कर देगा।
स्मित, मेघालय
मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्मित गांव बेहद सुंदर है और छुट्टियां बिताने के लिए परफेक्ट जगह है। पहाड़ों पर बसा यह गांव कुदरती खूबसूरती से सराबोर है। यहां की शुद्ध ताजी हवा आपको नई ऊर्जा से भर देगी और बच्चों को भी गांव की सैर में बहुत मज़ा आएगा। शहर की भीड़ से दूर यहां का शांत वातावरण और सुंदरता हर किसी का मन मोह लेती है। यह गांव बेहद साफ सुथरा भी है।
मावलिनॉन्ग, मेघालय
मेघालय का ही एक और गांव है मावलिनॉन्ग जिसे एशिया के सबसे साफ गांव का दर्जा मिला हुआ है। स्मित की तरह ही यह गांव भी प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है। मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से करीब 90 हजार की दूरी पर स्थित यह गांव साफ-सुथरा होने के साथ ही बेहद खूबसूरत भी है। यहां पर एशिया का फेमस रूट ब्रिज भी है जिसकी सैर यकीनने आपको और बच्चों को रोमांच से भर देगी। जहां तक साफ-सफाई का सवाल है तो गांव वालों ने खुद अपने बल पर गांव को एकदम साफ-सुथरा रखा है। कचरा फैलाने वालों से जुर्माना भी वसूला जाता है। यहां आपको अन्नानास के पेड़ भी दिखेंगे।
याना, कर्नाटक
कर्नाटक का यह गांव भले ही बहुत फेमस न हो, लेकिन सुकून की तलाश करने वालों के लिए यह परफेक्ट जगह है। खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित यह गांव तीर्थयात्रियों के साथ ही, नेचर लवर और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी बेस्ट डेस्टिनेशन हैं। यहां कई मंदिर, गुफाएं और खूबसूरत झरने आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।
मिरिक, पश्चिम बंगाल
दार्जिलिंग में हिमालय की वादियों के बीच बसा छोटा सा गांव है मिरिक। देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़ और झील इस गांव की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। यहां आपको चाय के बगान, ढेर सारे जंगली फूल भी दिखेंगे। प्रकृति की गोद में छुट्टियां बिताने का मन हो तो यहां ज़रूर आएं।
खोनोमा, नागालैंड
कोहिमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है खोनोमा गांव। यहां आकर आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास होगा। खोनोमा की एक खासियत यह है कि यहां के घर आपस में जुड़े हुए हैं। इसे एशिया का सबसे पहला हरा-भरा गांव होने का गौरव प्राप्त है। यहां फल और सब्ज़ियों की ढेरों प्रजातियां मिलती हैं और यहां के लोग खेती बहुत अनोखे ढंग से करते है, जिसमें सीढ़ीनुमा खेत भी शामिल है। यहाँ 100 से भी ज़्यादा जनजाति के जंगली जानवर, स्तनधारी जीव और पक्षी देखने को मिलते हैं। पौधों की करीब 250 प्रजातियों के साथ ही यहां 100 से भी ज़्यादा जनजाति के जंगली जानवर, स्तनधारी जीव और पक्षी देखने को मिलते हैं।
मलाना, हिमाचल प्रदेश
मलाना गांव हिमाचल की कुल्लू घाटी में स्थित है। खूबसूरत पहाड़ियों के किनारे बसे इस गांव के पास से ही मलाना नदी गुजरती है। यहां की सुंदरता किसी का भी मनमोह लेती है। हालांकि पर्यटकों को गांव के अंदर जाने की मनाही है, इसलिए सैलानी गांव के बाहर ही कैंप लगाकर रहते हैं और वहां की खूबसूरती का आनंद लेते हैं।