पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र की मोदी सरकार के साथ जिस प्रकार कोरोना संकट के समय भी असहयोग का दृष्टिकोण अपनाए हुए हैं उससे उनके ही प्रदेश के लोगों के लिए कोरोनावायरस भस्मासुर बन कर रह गया लगता है । बड़ी संख्या में लोग कोरोनावायरस से पीड़ित बताए जा रहे हैं । जिससे हठीले स्वभाव की नेता ममता बनर्जी की गलती अब पूरे देश के लिए भी घातक हो सकती है ।
बंगाल में कोरोना वायरस के मरीज़ों की सही संख्या छिपाने की ममता बनर्जी की तमाम कोशिशों के बाद जो सच्चाई सामने आ रही है वो दिल दहलाने वाली है। पहली बार बंगाल सरकार ने इशारों-इशारों में माना है कि उसके यहाँ कोविड19 संक्रमित मरीज़ों की संख्या क़रीब एक लाख तक हो सकती है। अब तक बंगाल सरकार कुल मरीज़ों की संख्या 1300 के आसपास बताती रही है। बीजेपी लगातार आरोप लगाती रही है कि ममता बनर्जी राज्य में कोरोनावायरस को लेकर देश को गुमराह कर रही हैं। इसके बाद एक केंद्रीय टीम राज्य के हालात का जायज़ा लेने गई है। जिसके बाद बंगाल सरकार पर इस बात का दबाव बढ़ गया था कि वो सही स्थिति ख़ुद बताए। बंगाल सरकार ने एक औपचारिक सूचना में बताया है कि राज्य में ‘इनफ्लूएंजा के जैसे लक्षणों’ वाले मरीज़ों की संख्या 91,515 है। इसके अलावा 872 लोगों को सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियाँ हुई हैं। ममता सरकार का कहना है कि उसने राज्यभर में 5.57 करोड़ घरों में जाकर सर्वे कराया है, ये आँकड़े उसी से मिले हैं।
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