धर्म और मजहब को परिभाषित करे केंद्र सरकार : हिंदू महासभा
नई दिल्ली (अजय आर्य ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बाबा नंदकिशोर मिश्र ने कहा है कि अब समय आ गया है कि जब देश की सरकार को विधिवत धर्म और मजहब को परिभाषित करना चाहिए । उन्होंने कहा कि मजहब ने पिछले 2000 वर्ष से दुनिया को खून के आंसू रुलाने का काम किया है । जबकि धर्म मानवता के घावों पर मरहम लगाने का काम करता रहा है । परंतु इसके उपरांत भी मूर्ख लोगों ने धर्म और मजहब दोनों को एक ही मान लिया है ।जबकि दोनों का कार्य एक दूसरे के विपरीत है । धर्म यदि जोड़ता है तो मजहब तोड़ता है ।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को धर्म और मजहब दोनों को लेकर अब स्थापित परिभाषा जारी करनी चाहिए तथा धर्म को मजहब के साथ संबंधित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा प्रारंभ से ही यह कहती आई है कि धर्म की राजनीति देश के लिए लाभकारी है । जबकि संप्रदाय की राजनीति हानिकारक है । उन्होंने कहा कि संप्रदाय और मजहब दोनों एक हैं । जबकि धर्म मानव की आंतरिक पवित्रता से जुड़ी हुई वस्तु है। जो मानव को मानव से जोड़ती है । बिना धर्म के संसार चल नहीं सकता इसलिए कम्युनिस्टों के द्वारा धर्म को अफीम कहना मूर्खतापूर्ण है ।।अब समय आ गया है कि सरकार इस दिशा में काम करें।
आज वीडियो कॉन्फ्रेंस पर हुई पार्टी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री मोदी को पत्र लिखकर यह मांग करेंगे कि धर्म जैसी पवित्र शब्द को इस देश की राजनीति का प्रमुख आधार बनाया जाना चाहिए।
बैठक में भाग लेने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के अतिरिक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री संदीप कालिया , राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य , राष्ट्रीय महामंत्री श्री एसडी विजयन , राष्ट्रीय संगठन मंत्री योगी जय नाथ जी महाराज , संगठन सचिव श्रीनिवास आर्य , कार्यालय मंत्री श्री विपिन खुराना राष्ट्रीय भी उपस्थित रहे ।