दादरी। मेजर रूप सिंह नागर क्षेत्र की वो प्रतिभा हैं जिन्होंने अपनी योग्यता से राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनका कहना है कि शिक्षा के लिए पूरी तरह समर्पण प्रत्येक अध्यापक के भीतर का वह गुण है जो छात्रों को नई दिशा देता है और उससे कालांतर में समाज और राष्ट्र का भला होता है। उगता भारत के साथ एक विशेष बातचीत में श्री नागर ने कहा कि छात्रों को इस समय देश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए जागरूक होना होगा। जिसमें अध्यापक का विशेष योगदान होता है। हमें चाहिए कि छात्र और अध्यापक मिलकर जिस भारत का निर्माण करना चाहते हैं उसमें आम आदमी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे, क्योंकि समाज में इस समय विभिन्न विसंगतियां पैदा हो रही हैं। इसमें अध्यापक के साथ समाज का सही सहयोग होना बहुत ही आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पुरस्कार (शिक्षा क्षेत्र) मेजर रूप सिंह नागर शिक्षक एवं एनसीसी अधिकारी जनता इंटर कालेज रोजा याकूबपुर को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये 5 सितंबर 2012 शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने विज्ञान भवन नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया था। मेजर नागर खेलकूद पर्यावरण, सांस्कृतिक व शैक्षिक संगठनों से जुड़े हैं, जिनके माध्यम से वह समाज की सेवा कर रहे हैं।
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