प्लाजमा थेरेपी कोविड-19 का इलाज नहीं : केजरीवाल का दावा गलत
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना मरीज के इलाज का दावा किया था। उन्होंने दावा किया था कि इस थेरेपी से मरीज ठीक हो रहे हैं, लेकिन इस बीच केंद्र सरकार ने इसको लेकर सचेत करते हुए कहा है कि इस थेरेपी को अभी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ओर से मंजूर नहीं किया गया है। इसे अभी केवल ट्रायल और रिसर्च के रूप में आजमाया जा सकता है। गाइडलाइंस को ठीक से पालन नहीं किया गया तो यह खतरनाक भी हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार(अप्रैल 28) को कहा कि कोरोना वायरस के इलाज को लेकर अभी दुनिया में कोई अप्रूव थेरेपी नहीं है, प्लाज्मा थेरेपी भी नहीं। यह भी अभी प्रयोग के स्तर पर ही है। इसको लेकर कोई सबूत नहीं है कि इसका ट्रीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अमेरिका में भी इसे एक्सपेरिमेंट के रूप में ही लिया गया है।
केजरीवाल कोई डॉक्टर नहीं हैं, फिर किस आधार पर प्लाज़्मा को कोरोना ठीक होने का दावा कर दिया। अगर किसी अनुभवी डॉक्टर ने उन्हें इस थेरेपी के बारे में बताया तो उस डॉक्टर को क्यों परदे के पीछे रख दिया। यदि किसी कारणवश यह थेरेपी सफल हो जाती, वह डॉक्टर तो गुप्तवास में रहता और केजरीवाल का नाम हो रहा होता। सियासतखोर अपनी गन्दी सियासत से बाज़ नहीं आते। इतना ही नहीं पहले कोरोना मरीजों में जमातियों की संख्या बताई जाती थी, लेकिन जब देखा मेरा वोटबैंक बदनाम हो रहा है, जमात आंकड़े बताना ही बंद हो गया। फिर इस थेरेपी पर हिन्दू-मुसलमान करते हुए कहते हैं कि “किसका प्लाज्मा किसको मिलेगा, तब न वह हिन्दू देखेगा न मुसलमान”, यानि अपने वोटबैंक को किसी भी तरह नाराज नहीं होने देेंगे ।
इससे पहले भी कई मीडिया हाउस और तथाकथित सेक्युलर लोग गलत खबरें फैलाकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर चुके हैं। आइए, आपको ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में बताते हैं।
‘द वायर’ के प्रमुख सिद्धार्थ वरदराजन ने फैलाई झूठी खबर
‘द वायर’ के प्रमुख सिद्धार्थ वरदराजन ने एक खबर शेयर करते हुए कहा कि पंजाब और हिमाचल की बॉर्डर रेखा के पास मुस्लिम समुदाय के कुछ बच्चे, औरतें, पुरुष नदी ताल पर बिना खाना-पीना के रहने को मजबूर हो गए हैं, क्योंकि उन्हें गाली देकर, मारकर उनके घरों से खदेड़ दिया गया है। जबकि होशियारपुर ने ट्वीट कर इस खबर का खंडन किया है।
फेक न्यूज मामले में ‘द वायर’ के खिलाफ FIR दर्ज
हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक सिद्धार्थ वरदराजन द्वारा संचालित इस पोर्टल ‘द वायर’ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर एक झूठी खबर प्रकाशित की, जिसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। योगी सरकार की चेतवानी के बावजूद जब ‘द वायर’ ने फर्जी खबर नहीं हटायी, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई। इसके बारे में योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- “हमारी चेतावनी के बावजूद इन्होंने अपने झूठ को ना डिलीट किया ना माफ़ी मांगी। कार्यवाही की बात कही थी, FIR दर्ज हो चुकी है आगे की कार्यवाही की जा रही है। अगर आप भी योगी सरकार के बारे में झूठ फैलाने के की सोच रहे है तो कृपया ऐसे ख़्याल दिमाग़ से निकाल दें।”