बुलंदशहर । महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की निर्मम हत्या के बाद साधुओं के साथ हो रही इस ज्यादती का अभी अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है । आज इसी घटना की पुनरावृति करते हुए उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कुछ असामाजिक तत्वों ने साधुओं पर आक्रमण कर दो साधु8 की जान ले ली । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि इस घटना में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए और कठोर से कठोर कार्यवाही उसके विरुद्ध होनी चाहिए ।
साधुओं की हत्या के मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रूख अपना लिया। उन्होंने जिले के सभी बड़े प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत मौके पर पहुंचने के आदेश दिए हैं। सीएम ने मामले के संबंध में स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ली और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर मामले का खुलासे करने का भी आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना में जो भी दोषी हो उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाए। कड़ी से कड़ी सजा मिले।
बुलंदशहर के अनूपशहर कोतवाली के गांव पगोना में स्थित शिव मंदिर पर पिछले करीब 10 वर्षों से साधु जगनदास (55 वर्ष) और सेवादास (35 वर्ष) रहते थे। दोनों साधु मंदिर में रहकर पूजा करते थे। सोमवार की देर रात मंदिर परिसर में ही दोनों साधुओं की धारदार हथियारों से प्रहार कर हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले। जानकारी पुलिस को दी जिसके तुरंत बाद सीओ अनूपशहर अतुल चौबे, कोतवाल मिथिलेश उपाध्याय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। फिलहाल अभी घटना के पीछे कारण का पता नहीं चल सका है। सीओ अतुल चौबे ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल ग्रामीणों ने एक युवक पर शक जताया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
घटना का पुलिस प्रत्येक एंगल से परीक्षण कर रही है। देखने वाली बात यह भी होगी कि क्या कोई ऐसा गैंग देश में सक्रिय है जो जानबूझकर उस समय ऐसी परिस्थिति पैदा कर रहा है जब सारा देश लॉक डाउन की स्थिति में है ? ऐसी परिस्थितियों में पालघर की घटना और बुलंदशहर की घटना के तार कहीं आपस में जुड़े हुए तो नहीं हैं ? वास्तव में सांप्रदायिक समस्या पैदा करके जो लोग देश को अस्थिरता में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं उनके इरादों से अब पर्दा उठना ही चाहिए।