डीजीपी दिलबाग सिंह ने हाल ही में आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना की महामारी से लड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान और उसके इशारे पर चलने वाले आतंकी संगठन जम्मू-कश्मरी में लोगों की जिंदगी बर्बाद करने की साजिश करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि अभी हम भले ही कोरोना से बचाने में लगे हैं, लेकिन हमें सुरक्षा व्यवस्था को भी पूरी तरह मजबूत बनाए रखना है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान पूरी तैयारी में है और अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के रास्ते आतंकियों को भेजने के लिए मौका तलाश रहा है। दरअसल, चिंता इसलिए और बढ़ गई है कि क्योंकि कई आंतकी कोरोना संक्रमित हैं। क्योंकि, पाकिस्ता नें भी काफी संख्या में कोरोना वायरस के शिकार हो चुके हैं। लेकिन वह अपने लोगों को इससे बचाने के बजाय भारत में आतंकवाद को शह देने में लगा हुआ है।
शोपियां में चार आतंकी एनकाउंटर में ढेर
एक तरफ जहां सेना अतंकियों की घुसपैठ रोने में लगी है, वहीं दूसरी तरह भारत की सीमा में घुस आए आतंकियों के सफाए में भी जुटी है। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों ने बुधवार सुबह एनकाउंटर में चार आतंकवादियों को मार गिराया। सेना और पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की शाम को इनके मालहुरा जानपोरा गांव में छिपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद, एक संयुक्त अभियान चलाया गया। पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन खत्म हो गया है।
अप्रैल में अब तक 17 दहशतगर्द मार गिराए
इससे पहले अप्रैल महीने में अब तक चार एनकाउंटर हो चुके हैं और इनमें सुरक्षाबलों ने 13 आतंकवादियों को मार गिराया था। आज की मुठभेड़ मिलाकर अप्रैल महीने में कुल 17 दहशतगर्दों को ढेर किया जा चुका है। सुरक्षा बलों ने इससे पहले 22 अप्रैल को शोपियां में चार आतंकवादियों को मार गिराया था। 17 अप्रैल को राज्य में दो अलग-अलग जगहों पर मुठभेड़ में चार आतंकी मार गिराए गए थे। वहीं 11 अप्रैल को कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, इसमें आतंकी हथियार छोड़कर भाग गए थे। 7 अप्रैल को सेना ने आमने-सामने की लड़ाई में 5 आतंकी मार गिराए थे। 4 अप्रैल को कुलगाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में हिजबुल के 4 आतंकियों को मार गिराया था।
बेरहम पाकिस्तान पर पीएम मोदी की रहम, पाकिस्तानियों को सुरक्षित स्वदेश भेजने का किया इंतजाम
भारत और पाकिस्तान, दोनों कोरोना संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन इस समय भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह सीमा पर लगातार गोलीबारी कर रहा है और घुसपैठियों को भारत की सीमा में भेज रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक अच्छे पड़ोसी का अपना धर्म निभा रहे हैं। लॉकडाउन घोषित होने से कई पाकिस्तानी नागरिक भारत में फंस गए हैं, प्रधानमंत्री मोदी उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजाम कर रहे हैं।
पाकिस्तानी उच्चायोग की गुहार
दरअसल, भारत का विदेश मंत्रालय कई विदेशी मिशनों को भारत में फंसे उनके नागरिकों को वापस निकालने में मदद कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी उच्चायोग ने भी अपने 180 नागरिकों की वापसी का इंतजाम करने की गुहार लगाई। भारत में फंसे ज्यादातर पाकिस्तानी मेडिकल वीजा पर यहां आए थे। सूत्र के मुताबिक, पाकिस्तानी उच्चायोग ने भारत से कहा कि उसके फंसे हुए नागरिक पाकिस्तान लौटना चाहते हैं। पिछले महीने पाकिस्तान के पांच नागरिक अटारी-वाघा सीमा के रास्ते अपने वतन लौटे थे।
पाकिस्तान ने मांगी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा
पाकिस्तान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से मलेरिया की दावा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की मांग की है। बता दें कि इससे पहले अमेरिका, ब्राजील, समेत 30 देशों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की मांग की थी।
भारत ने दिखाई दरियादिली
भारत यह दरियादिली तब दिखा रहा है जब पाकिस्तानी सैनिक कोरोना संकट के वक्त भी भारतीय सीमा में ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैं। पाकिस्तान की इस अमानवीय हरकत से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के आसपास रहने वाले लोगों के लिए दोहरा संकट पैदा हो गया है। पाकिस्तान पिछले महीने से एलओसी और आईबी के आसपास की सैन्य चौकियों और वहां रहने वाले ग्रामीणों पर गोलाबारी कर रहा है जिसमें कई लोग हताहत हुए हैं और दो दर्जन से अधिक मकान तबाह हो गए। इतना ही नहीं, पिछले कुछ दिनों में घुसपैठियों ने जम्मू के कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी जिलों में एलओसी के रास्ते भारत में घुसने की कई कोशिशें की हैं जिन्हें पाकिस्तानी सेना संरक्षण प्रदान कर रही है।
सार्क वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कश्मीर राग
कोरोना वायरस के खतरे पर सार्क देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापने से नहीं चुका। उसने कश्मीर के बारे में ‘‘अवांछित” बयान देकर एक मानवीय मुद्दे का ‘‘राजनीतिकरण” करने का प्रयास किया, जो इस तरह के मुद्दों से निपटने में उसके ढुलमुल रवैये को प्रदर्शित करता है। वीडियो कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य इस वायरस से एकजुट होकर निपटने का संदेश देना था, लेकिन पाकिस्तान ने इस मौके का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए किया और कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर में सभी तरह की पाबंदी हटा लेनी चाहिए। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने ‘‘अशिष्ट” बनने का चयन किया और वीडियो कॉन्फ्रेंस का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया।
भारत में हमले के लिए बने दो आतंकी संगठन
केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू कश्मीर में दो नए आतंकी ग्रुप बनाए हैं, जिससे वो भारत में बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे सके। ज़ी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इन दोनों आतंकी ग्रुपों का नाम द रिजिटेंस फ्रंट (टीआरएफ) और तहरीक ए मिल्लत इस्लामी (टीएमआई) है। सुरक्षा एजंसियों के मुताबिक आतंकी संगठन लश्कर ए तोयब्बा की मदद से तैयार द रिजिटेंस फ्रंट जिसका दूसरा नाम जेके फाइटर्स भी है वो पिछले दो महीने से एक्टिव है, जबकि तहरीक ए मिल्लत इस्लामी के बारे में सुरक्षा एजेंसियां और जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।
भारत में मुसलमानों को भड़काने की साजिश
तहरीक ए मिल्लत इस्लामी कमांडर नईम फिरदौस ने एक आडियो मैसेज जारी कर सभी आतंकियों से मिलकर सुरक्षा एजेंसियों पर हमले करने को कहा है। वहीं टीआरएफ कमांडर अबु अनस ने अपने ऑडियो मैसेज में भारत के मुसलमानों को भड़काने की साजिश कर रहा है। अबु अनस ने कश्मीरी नेता अल्ताफ बुखारी को जान से मारने की धमकी दी है। दोनों आतंकी ग्रुप सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी है।