नई दिल्ली । (अजय आर्य ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कालिया ने कहा है कि राज्य सरकारें लॉक डाउन खोलने और फिर लागू करने के लुकाछिपी के खेल से बचने की कोशिश करें । उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हरियाणा सरकार ने ऐसा करके देखा है और फिर आज वहां के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि दोबारा नियमों में सख्ती लागू की जाएगी ।
इससे लॉक डाउन खेल बनकर रह जाएगा । श्री कालिया ने कहा कि जब देश पूरी तरह सरकार के साथ खड़ा है तब लोगों को अचानक लॉक डाउन में पूरी छूट देना मूर्खता के सिवा और कुछ नहीं है । इसे कड़े नियमों के अंतर्गत कुछ जीवन उपयोगी चीजों को खरीदने तक सीमित करके ही रखना चाहिए।
श्री कालिया ने कहा कि किसानों को जिस प्रकार उनके खाद बीज से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने छूट दी है वह स्वागत योग्य है ।
उन्होंने कहा कि किसान अपने खेत तक सीमित रह कर अपने आप ही लॉक डाउन का पालन कर रहा है। उससे शासन प्रशासन को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है , लेकिन शहरों में खासतौर से भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जमात या उसकी विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को आने जाने से कोई कैसे रोक पाएगा ? इसलिए बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता है।
श्री कालिया ने कहा कि जिन लोगों ने पालघर की घटना को अंजाम दिया है उनके खिलाफ अभी तक कोई कड़ी कार्यवाही ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है । जिसके लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वाले लोग देश व समाज के दुश्मन होते हैं । जिनके खिलाफ कानून का कड़ा शिकंजा कसा जाना आवश्यक होता है । इसलिए महाराष्ट्र सरकार यदि इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई बरत रही है तो वह बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे सत्ता के लालच में अपने सिद्धांतों से समझौता कर गए अब यदि वह संतों की रक्षा भी नहीं कर सकते हैं तो फिर उन्हें अपनी कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है , क्योंकि जिस भगवे के सम्मान के लिए उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया था आज उनके सत्ता स्वार्थ के कारण वही भगवा खतरे में है । जिसके लिए प्रदेश की जनता उन्हें आगामी चुनावों में किसी भी प्रकार माफ नहीं करेगी।
श्री कालिया ने कहा कि इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा पंडित नंदकिशोर मिश्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उचित हस्तक्षेप की मांग कर चुके हैं । हम मानते हैं कि प्रधानमंत्री श्री मोदी इस प्रकरण में अपने स्तर पर उचित हस्तक्षेप करते हुए समस्या का घटना का यथाशीघ्र कोई संतोषजनक समाधान जलाएंगे।
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