जिस तरह मस्जिदों से विदेशी जमाती निकल रहे हैं, उनसे लगता है कि यह देश विदेशी जासूसों से भरा पड़ा है।
इसलिए
सरकार पर्यटन नीति में बदलाव करे
पर्यटन के नाम पर भारत आकर किसी को भी चाहे वह मुस्लिम हो, ईसाई हो या हिंदू ही क्यों न हो, किसी को भी धर्मप्रचार की अनुमति न हो, न किसी धार्मिक एवं सामाजिक या अन्य क्रियाकलाप में भाग लेने की अनुमति हो
किसी भी विदेशी को किसी भी कारण से भारत आए तो उसे केवल 5 स्टार होटल में ठहरने की ही अनुमति हो और भारत आते ही उसे पहले कम से कम 10 लाख रुपए सिक्योरिटी के जमा कराना अनिवार्य हो, जो वापसी पर वापस किए जाएं…यदि वह भारत में किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाता है, विचारों की, देश के सम्मान की, संस्कृति की या संपत्ति की तो वह धन जब्त किया जाए
यदि किसी विदेशी धर्मप्रचारक को भारत में आने की अनुमति दी जाती है तो उसके साथ उसी के खर्च पर एक वीडियोग्राफी करनेवाला हो, जो 24 घंटे वीडियोग्राफी करे, जिसका खर्च धर्मप्रचारक उठाए और वह वीडियो पुलिस एवं भारत सरकार के अधिकारी के पास जमा हो, उसका अवलोकन हो और धर्म प्रचार नियत स्थान पर ही हो
किसी भी विदेशी को अकारण किसी गांव मे जाने की अनुमति न हो, केवल पर्यटन के लिए चुनींदा शहरों में जाने की अनुमति हो, वहां भी पर्यटन स्थल एवं होटल तक ही उसे जाने आने की अनुमति हो…
कोई भी पर्यटक स्थानीय लोगों से संपर्क न बनाए, केवल सरकारी अधिकारी या गाइड से ही बात कर सकता हो
—तेजपाल सिंह धामा