कोरोना से जीवन की क्षति और आर्थिक प्रभाव को दूर करने के उपाय हों : कोरोना के भय के विपरीत अभय की दीवार खड़ी करनी होगी

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    राकेश छोकर / नई दिल्ली
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    कोरोना वाइरस से उपजी वैश्विक आपदा से जन, धन की अपार क्षति के बाद जो विपदा आ खड़ी हुई है, उससे पार पाना एक बड़ी चुनौती होगी।इस संदर्भ में विद्वानों के मत,उम्मीद पैदा करते हैं।
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    1.डॉ मोहन लाल वर्मा (संपादक- देव चेतना)जयपुर, राजस्थान।
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  • “हमें कोरोना संक्रमण से बचने के उपाय हमारे अंतर्निहित दिव्य ऊर्जा के जागरण में खोजने होंगे। कोरोना के भय के विपरीत अभय की बाढ़ खड़ी करनी है।हमें कोविड-19 से जीवन की क्षति और उसके आर्थिक प्रभाव को न्यूनतम करने के बीच संतुलन तलाशना होगा, जो भारतीयों की गरीबी और भूख से बचत कर सके। इसके लिए प्रत्येक भारतीय को जागरूक होना होगा ।वह स्वयं अपनी सुरक्षा करने के प्रति जागरूक हो, सेल्फ क्वॉरेंटाइन में रहना और नियमित रूप से स्वंय के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना सीखें। संकल्प सबसे बड़ा हथियार है , जिसके बल पर सभी नकारात्मक शक्तियों को पराजित किया जा सकता है। उसका मुकाबला बहुजन में अभय का भाव विकसित करके ही किया जा सकता है। हमें शांत, स्थिर और भय रहित रहना है। ईश्वर और प्रकृति की अपरिमित शक्ति हमारे शरीर के अंदर विद्यमान हैं उसकी रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को हमें अपने में और प्रत्येक में जागृत करने के प्रति सतर्क रहना होगा। राज्य व केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आह्वान में यह करके दिखाया है हमें उनके आवाहन को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग करना है। ”
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    2. डॉक्टर प्रभु चौधरी (राष्ट्रीय अध्यक्ष: राष्ट्रीय शिक्षक सचेतना, उज्जैन. मध्य प्रदेश)
  • ” विपदा की इस घड़ी में हम संयमित जीवन जीये, शासन की ओर से जो व्यवस्था निर्धारित की गई हैं उनको अपने जीवन में लागू कर इस महामारी से बचा जा सकता है। देश का प्रत्येक नागरिक ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और समाज देश के प्रति निष्ठावान बना रहे। अपनी बीमारी को छुपाना नही, बल्कि परिवार और देश को बचाने के लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता है। व्यवस्था के पलायन से दिक्कतें बढ़ेंगी। लॉक डाउन का पालन कर हम सब अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं।
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    3. प्रभु नारायण (प्रमुख पर्यावरणविद एवं विज्ञान वेत्ता) नई दिल्ली!
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  • ” प्राकृतिक उपचार अर्थात आयुर्वेद में कोरोना जनित महामारी से निपटने की संभावनाए प्रबल हैं।शोधकर्ताओं को तत्काल उस औऱ ध्यानाकर्षण करने की जरूरत है। जब तक इस महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक महत्वपूर्ण उपाय है, हम उसका पालन करें। अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए इस विपदा में लगे चिकित्सकों, पुलिस, मीडिया, स्वयंसेवी संगठनों का हम सम्मान करें।”
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    4. डॉक्टर शिवा लोहारिया (योग आचार्या),जयपुर,राजस्थान।
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  • “ भारतीय ऋषि-मुनियों के बताए हुए योग और आध्यात्मिक जीवन को अपनाकर तथा भारतीय संस्कृति अपनाते हुए ही इस वायरस से बचा जा सकता है।ऐसा करने से आज ही नहीं अपितु भविष्य में भी इससे हम सुरक्षित रह सकते हैं ।
  • स्नायुओं ,व फेफड़ों से गंदगी बाहर करने के लिए पानी की क्रियाएं की जा सकती है।कुंजल क्रिया, जल नेति,रबड़ नेति , भुजंगासन,शलभासन, शशांक आसन, योग मुद्रा आसन एवं विशेष रूप से सूर्य नमस्कार किया जाना चाहिए! कपालभाति,उज्जाई प्राणायाम,भ्रामरी प्राणायाम औरविशेष रूप से नाड़ी शोधन प्राणायाम करते हुए अपने श्वसन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया जा सकता है और साथ ही साथ सूक्ष्म व्यायाम( श्वास प्रश्वास को तेजी से करते हुए,कपालभाति की तरह पर श्वास भरने की आवाज भी आनी चाहिए )से हम अपनी प्राण ऊर्जा को बढ़ा सकते हैंः सात्विक आहार लें ,अंकुरित भोजन और विटामिन सी की मात्रा भी अपने भोजन में बढ़ाएं महामृत्युंजय मंत्र से दैनिक 11 आहुतियां देकर यज्ञ करें, जिससे कि हमारा आध्यात्मिक परिपेक्ष भी सफलता पूर्वक पूरा हो सकता है और आसपास के वातावरण को शुद्ध करके संक्रमण से बचा जा सकता है।”
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    5.यशवंत भंडारी (विख्यात कवि,साहित्यकार, समाजसेवी) झाबुआ (मध्य प्रदेश)
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  • ” कोरोना महामारी , अग्नि परीक्षा की घड़ी
    विश्व महामारी के इतिहास मे सबसे क्रूरतम प्रकोप कोरोना वायरस के रूप मे सारे विश्व के अधिकतर देशो मे फैल चुका हहैं। एक ऐसा प्रचंड प्रकोप जिसका अंत निकट भविष्य मे अतिशीघ्र होता दिखाई नही दे रहा है। गहन मंथन के बाद निन्माकित पांच संकल्पों कॊ आत्मसात करेगे तॊ हम इस महामारी को हरा सकेगे ।
    *आत्म संयम : हमे अपने आप पर पूर्ण आत्म नियंत्रण रखना होगा , गुस्से एवं क्रोध से बचना होगा।
    *आत्मबल ,: हमे अपने आत्म बल को बहुत मजबूत रखना होगा इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ जायेगी ।
    *आत्मविश्वास : इस समय हमे हमारे आत्मविश्वास को कायम रखना होगा ।
    *आपसी सहयोग : वर्तमान मे चल रहे लॉक डाउन के कारण सब लोग अस्त व्यस्त हैं।ऐसे मे हम एक दूसरे का सहयोग करे ।
    * इस वक़्त हम सांसरिक औपचारिकता से दुर रहे , कुशल क्षेम और अन्य जानकारी हम मोबाइल के माध्यम से प्राप्त करे , एक दूसरे से अधिक दूरी बनाये रखे ।

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