आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आज अगर देश में कोरोना की इतनी भयावह स्थिति बनी है तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ तबलीगी जमात जिम्मेदार है। यह न तो कोई अफवाह है न ही कोई कहानी बल्कि यह ठोस रूप से आंकड़े पर आधारित तथ्य है। देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण पहुंचने का कारण ही तबलीगी जमात है। उदाहरण के लिए देश के पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में तो सौ प्रतिशत कोरोना संक्रमण पहुंचाने के लिए तबलीगी जमात कसूरवार है।
जमात की इस भयंकर गलती को समूचे मुस्लिम समाज से जोड़ना उससे भी बड़ी भयंकर गलती होगी। भारत में इस वैश्चिक बीमारी को फ़ैलाने में तब्लीगी जमात और इसके अनुयायियों का सबसे बड़ा योगदान रहा है, जिन्होंने मरकज़ में सम्मिलित हुए लोगों को मस्जिदों और मदरसों में छिपाकर अपने ही उस समाज को शिकार बनाया जिसे इस्लाम की राह पर चलने के कहा जाता था। जमातियों का वास्तविक चेहरा उस समय उजागर हुआ, जब Corona Warriors पर थूकने, हॉस्पिटल लॉबी में शौच करने, नर्सों के सामने नंगा होना और उन पर अश्लील व्यंग करना एवं मौलाना साद का यह कहना कि कोरोना के नाम पर मस्जिदें बंद करवाई जा रही हैं, उस डॉक्टर से इलाज करवाओ जो अल्लाह को मानता हो आदि आदि कौन से इस्लाम में लिखा है? किस आधार पर हिन्दू मुस्लिम किया जा रहा था? इन प्रश्नों का उत्तर समस्त मुस्लिम समाज को जमात वालों से पूछना चाहिए।
विदेशों से आए पर्यटक वीज़ा पर आए जमातियों पर होती कार्यवाही पर मुस्लिम समाज में जहर घोला गया कि मजहब के नाम पर मोदी सरकार वीज़ा नहीं देती है। आखिर क्यों मुस्लिम समाज के दिमाग में इस तरह का जहर घोलकर हिन्दू-मुसलमान विनाशक हरकतें की गयीं? जमात वालों ने समझा मोदी और मोदी सरकार के विरुद्ध मुसलमानों को भड़काकर देश में अराजकता फैलाओ, पहले CAA को लेकर मुसलमानों को कितना बदनाम किया। नागरिकता संशोधक कानून विरोध करने शांति के नाम पर हुए प्रदर्शनों में पत्थरबाज़ी और पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया, धरनों में हिन्दू और मोदी-योगी-अमित के विरुद्ध नारेबाजी से देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने का असफल प्रयास किया गया। लेकिन जब हिन्दुओं की तरफ से पलटवार होने पर दंगे का सारा दोष कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के सर मंढने का असफल प्रयास किया गया। फिर दिल्ली के पूर्वी-उत्तरी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगे किसने करवाए, आखिर कब तक बेकसूर मुसलमानों को बलि का बकरा बनाया जाता रहेगा? क्या उनका खून खून नहीं? क्या उनका कोई परिवार नहीं?
कोरोना को लेकर सचेत थी सरकार
तबलीगी की करतूत ने बढ़ाया मामला
इसी बीच दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में दुनिया भर से जमा हुए तबलीगी जमात ने कोरोना का खेल कर दिया। उस घटना के बाद अभी तक के घटनाक्रम से तो यह स्पष्ट हो गया है कि जमातियों ने साजिश के तहत देश में कोरोना को फैलाया है। अब तो आंकड़े भी स्पष्ट संकेत देने लगे हैं कि तबलीगी जमात के लोगों ने जानबूझ कर इसे पूरे देश में फैलाया है।
अरुणाचल प्रदेश हो या अंडमान निकोबार, दिल्ली हो या तमिलनाडु या फिर आंध्र प्रदेश हो या उत्तर प्रदेश, इन सभी जगहों में 60 प्रतिशत से लेकर सौ प्रतिशत तक कोरोना संक्रमण बढ़ाने में तबलीगी का हाथ रहा है। तमिलनाडु में अभी कोरोना संक्रमितों की संख्या 1072 है, जिमसे 91 प्रतिशत लोगों में कोरोना फैलाने के तबलीगी जमात कसूरवार है। दिल्ली के 1551 एक्टिव मामले में करीब 69 प्रतिशत लोगों में तबलीगियों की करतूत के कारण कोरोना संक्रमण फैला है।
जानिए कैसे तबलीगियों ने राज्यवार फैलाया संक्रमण
राज्यवार आंकड़ों पर नजर डाले तो देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से संक्रमित तबलीगी जमातियों की संख्या सबसे ज्यादा है। अमर उजाला की खबर के अनुसार दिल्ली में सोमवार को ही एक दिन में 356 नए मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं और इनमें से 325 तब्लीगी जमात के हैं। इन सभी जमामियों को मरकज से निकालने के बाद क्वारंटीन केंद्रों में रखा गया था। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक राजधानी में अब कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1510 हो चुकी है। इनमें 1071 संक्रमित मरीज तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश में सोमवार को सर्वाधिक 151 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, इनमें से 84 तबलीगी जमात के हैं। वैसे यूपी में कुल कोरोना पीड़ितों की संख्या 651 और इनमें आधे से अधिक यानि 393 तबलीगी जमात के हैं। एक अन्य खबर के अनुसार इसी प्रकार तमिलनाडु में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1173 हैं, इनमें 90 प्रतिशत से भी अधिक तबलीगी जमात से जुड़े हैं। महाराष्ट्र में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या करीब 2334 है और इनमें आधे से अधिक लोग तबलीगी जमात जुड़े हुए हैं। तेलंगाना मरीजों की संख्या 573 के पार हो चुकी है और यहां भी लगभग आधे तबलीगी जमात से जुड़े लोग हैं। मध्यप्रदेश में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 600 के पार पहुंच गया है, यहां भी 250 से अधिक मरीज तबलीगी जमात के हैं। जम्मू कश्मी में भी अधिकतर मरीज तबलीगी जमात से हैं।