आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 250 हॉट स्पॉट का ताल्लुक जमातियों से

कोरोना वायरस
                                                           प्रतीकात्मक 

तेलंगाना में लगभग 130 कोरोना वायरस हॉटस्पॉट (लगभग 90%) तबलीगी जमात के सदस्यों से जुड़े हैं, जो 13 मार्च से 15 मार्च के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित मजहबी सभा में शामिल हुए थे। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में लगभग 120 हॉटस्पॉट तबलीगी जमात के सदस्यों और उनके सहयोगियों से जुड़े हुए हैं। द संडे गार्डियन ने ये रिपोर्ट की है।
तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री इटेला राजेंदर ने कहा कि राज्य जमातियों के न रहने से चीनी वायरस से मुक्त होगा। जमातियों से जुड़े लगभग 15 हॉटस्पॉट हैदराबाद में हैं, जबकि बाकी 115 राज्य के अन्य जिलों में हैं। सभी कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों का इलाज हैदराबाद के 3 अस्पतालों में किया जा रहा है। पुलिस और मेडिकल स्टाफ की 1300 टीमों की एक टास्क फोर्स को ऐसे 130 कंटेनमेंंट ज़ोन में तैनात किया गया है।
ICMR दिशानिर्देशों के अनुसार, बुखार, खाँसी और सर्दी के लक्षणों वाले लोगों का परीक्षण कोरोना वायरस कंटेनमेंट ज़ोन में किया जाएगा। इससे पहले यह लैब केवल साँस की बीमारियों वाले मरीज के साथ विदेशी मरीज और उनके संपर्क में आने वाले संक्रमित रोगियों का परीक्षण कर रही थीं। यदि ऐसे क्षेत्र से कोरोना वायरस के नए मामले सामने आते हैं, तो हॉटस्पॉट्स में लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा।
दरअसल इन इलाकों को इसलिए निरगानी में रखा गया है, क्योंकि यहाँ से संक्रमित लोगों के खिलाफ काफी शिकायतें मिली थीं, ये लोग संक्रमण फैलाने के लिए जानबूझकर इधर-उधर घूमते रहते थे। इन समूहों की पहचान करने से पुलिस और सरकार को लॉकडाउन को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिली। इससे लोगों को होने वाली असुविधा से निपटना काफी आसान हो गया।
इसके साथ ही पुलिस ने युवा लड़कों और लड़कियों के ग्रुप ‘Gully Warriors’ की मदद माँगी है, जिन्होंने पुलिस को उन बदमाशों की सूचना दी थी, जो प्रतिबंधित क्षेत्रों से बाहर निकलते थे।
हैदराबाद के मेयर बोंथू राम मोहन ने ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं की डोर-टू-डोर डिलीवरी के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने फिर से इस बात को दोहराते हुए कहा था, “किसी भी चिकित्सा आपातकाल के लिए यहाँ के लोगों को एम्बुलेंस सेवाओं के लिए 100 या 104 डायल करना चाहिए।”
इसके अलावा मुस्लिम बहुल इलाकों में बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए कोई भी अपने घरों से बाहर न निकले।
दिल्ली में कोरोना वायरस के 712 मामले भी जमातियों से जुड़े हैं। वे राजधानी में 11 अप्रैल तक कुल 1069 मामलों में से दो तिहाई के लिए भी जिम्मेदार हैं। नए 128 मामलों में से लगभग 77% निजामुद्दीन मरकज से जुड़े हैं।

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