देश के विकास में गुर्जरों की बढ़ती सहभागिता एक सुखद संकेत

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हमारे पूर्वजों ने बहुत ही परिश्रम से आजादी से पहले ही शिक्षा के प्रति सजग हो गए थे, परंतु पूरे देश में सत्ता से टकराने के कारण गुर्जर समाज की आर्थिक रीढ़ टूट चुकी थी, हमारे पूर्वजों ने बहुत हीं परिश्रम से जैसे तैसे करके सम्मान के साथ अपने-अपने परिवारों को संभाला और आजादी के कुछ वर्षों से आज तक पूरे देश में शिक्षण संस्थाओं, छात्रावासों और गुर्जरों भवनो का निर्माण करके समाज को उन्नति के रास्ते ले जाने के लिए अति महत्वपूर्ण कार्य किया|
अति महत्वपूर्ण काम समाज ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में किया है, विशेष सहारणीय कार्य रिटायर्ड आईपीएस श्री मसूद चौधरी ने जम्मू कश्मीर में किया है, जहां उन्होंने विश्व प्रसिद्ध गुर्जर भवन बनवाया है, वहीं 12वी तक इंग्लिश मीडियम का कॉलेज, आईटीआई, तथा गुर्जर बहुल जिले में राजौरी में विश्वविद्यालय का निर्माण करवाया है, तथा बहुत सारे गुर्जरों को पुलिस में भर्ती करवाया था|
बाकी अन्य प्रदेशों में प्रयास किया जा रहा है, मैं और मेरे साथी द्वारा तथा समाज के अन्य प्रदेशों में निवास करने वाले प्रबुद्ध समाज के लोगों द्वारा शिक्षा के प्रति आंदोलन खड़ा किया जिसके परिणाम अब आने लगे हैं
शिक्षा रोजगार के लिए हमारे समाज के युवाओं में भी एक नई ऊर्जा का संचार हो रहा है, समाज की आर्थिक स्थिति मे भी संतोषजनक वृद्धि हुई है, पूरे देश में अलग-अलग प्रदेशों के सामाजिक संगठनों ने शिक्षा रोजगार को प्राप्त करने के लिए आरक्षण के मुद्दे पर लड़ाई लड़ी है, सर्वप्रथम मंडल आयोग को लागू करवाने में राष्ट्र राजधानी क्षेत्र एवं उत्तर प्रदेश, हरियाणा के गुर्जर समाज के लोग सबसे पहले सड़कों पर आए, परिणाम मंडल आयोग लागू हुआ, राजस्थान में आरक्षण के मुद्दे पर श्री कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी|
राजस्थान का समूचा प्रदेश का गुर्जर एकजुट हुआ, पूरे देश के गुर्जर समाज ने उनका खुलकर समर्थन किया, कई प्रदेशों में जाम लगा दिए गए, आर्थिक मदद पहुंचाने का काम किया 72 गुर्जर समाज के लिए लोगों ने अपनी कुर्बानी दी
अमर शहीदों की कुर्बानी के कारण लंबे संघर्ष के बाद आज राजस्थान में गुर्जर समाज को 5 जातियों के साथ 5% का आरक्षण प्राप्त है, जिसका सर्वाधिक लाभ हमारा समाज प्राप्त कर रहा है, जम्मू कश्मीर में मुस्लिम भाइयों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी के कार्यकाल में अनुसूचित जनजातियों का आरक्षण प्राप्त हो चुका है । हिमाचल प्रदेश में भी अनूसूचित जनजातियों को आरक्षण मिल चुका है । राजस्थान में भगवान देवनारायण के नाम पर भगवान देवनारायण ट्रस्ट का गठन हुआ, उससे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सीधा लाभ मिल रहा है, आज शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में राजस्थान में हमारे समाज के युवक-युवतियों शिक्षा रोजगार में हजारों की संख्या में लाभ प्राप्त कर रहे हैं, इसी तरह जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भी आरक्षण के कारण सैकड़ों आईएस, पीसीएस बन चुके हैं और शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में भी लाभ प्राप्त कर रहे हैं ।
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय राजधानी के समस्त गुर्जर समाज के लोग राजस्थान में जिला दोसा, जयपुर, भारतपुर, धौलपुर, अलवर एवं चंडीगढ़ हरियाणा में पंचकूला, कालकाजी फरीदाबाद, जिला पलवल तथा मध्य मध्य प्रदेश में जिला मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, भोपाल, होशंगाबाद, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, देवास, शिवपुरी, उत्तराखंड में संपूर्ण हरिद्वार जिले के लोग पंजाब में जिला नवा शहर, होशियारपुर, पटियाला, लुधियाना आदि क्षेत्रों में गुर्जर समाज की आर्थिक स्थिति में बहुत मजबूती आई है,
जिसके कारण अधिकांश गुर्जर अपने अपने बच्चों को सर्वोत्तम विद्यालयों में अध्ययन करवा रहे हैं, हां मध्यप्रदेश और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में जिनकी आबादी समाज की संख्या के आधार पर 20% है, आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, वहां समाज को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ।
इतिहास के क्षेत्र में जहां आजादी के बाद इतिहासकार यतेंद्र कुमार, चौधरी मुल्तान सिंह वर्मा, चौधरी रतन लाल वर्मा, प्रिंसिपल गणपति सिंह, डॉक्टर देशराज भाटी, मोहनलाल वर्मा राजस्थान, तथा डॉक्टर दयाराम वर्मा ने इतिहास लेखन में बहुत कार्य किया था, वहीं आज वर्तमान में इतिहासकार डॉक्टर सुशील भाटी, डॉ राकेश कुमार आर्य, श्री केपीएस पवार, डॉक्टर जय सिंह, डॉक्टर जितेश सिंह राजस्थान, श्री नंद लाल गुर्जर, इंजीनियर सेश राज पवार, श्री इषम सिंह चौहान, श्री शैतान सिंह, राजकुमार भाटी सिंह, श्री यशवीर भाटी, प्रोफेसर राकेश राणा, श्री अशोक चौधरी मेरठ एवं अन्य लोग गुर्जर समाज के इतिहास लेखन में बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं तथा बहुत सारी गुर्जर समाज की पत्रिकाएं भी गुर्जर समाज के इतिहास का प्रचार प्रसार अपने अपने स्तर पर काम कर रहे हैं|
उच्च शिक्षितो का संगठन गुर्जर परिवार, युवाओं के लिए बहुत सराहनीय कार्य कर रहा है वही इनकम टैक्स कमिश्नर श्रीमती सुनीता सिंह, सुयोग संस्था के माध्यम से, गुर्जर समाज के उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर, गुर्जर समाज के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिएअच्छे रोजगार प्राप्त करने के लिए, गांव से लेकर शहरों तक, गुर्जर समाज में युवाओं के लिए अलख जगा रहे हैं।
शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए चंडीगढ़ गुर्जर भवन, पंचकूला गुर्जर भवन, कुरुक्षेत्र धर्मशाला, की प्रबंधक कमेटी जगह-जगह विद्यालय खुलवाने में मदद कर रही है, तथा गुर्जर समाज के गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है, वही मेरे और कर्नल सीपी सिंह के नेतृत्व में बरेली मंडल में समाज के अन्य साथियों से योगदान लेकर पिछले 13 साल से मिहिर भोज एजुकेशन ट्रस्ट काम कर रहा है जहां पर छात्रावासों के पुनर्निर्माण में तथा गुर्जर समाज के गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है।

मध्यप्रदेश में गुर्जर समाज के प्रसिद्ध संत महाराज हरि गिरि जी महाराज अपने अथक प्रयासों से ग्वालियर और चंबल संभाग तथा राजस्थान के कुछ जिले और उत्तर प्रदेश का आगरा, इटावा और जालौन में प्रचलित भयंकर सामाजिक बुराई मृत्यु भोज, दहेज, शराब को लगभग 2000 गांवों में 20 लाख आबादी को इन बुराइयों से मुक्त करा दिया है ।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में भगवान देवनारायण के नाम से प्राचीन काल से लेकर अब तक हजारों भव्य मंदिरों का निर्माण, कराया गया है जहां मंदिरों में भगवान देवनारायण की आस्था के कारण लाखों गुर्जर समाज के लोग एकत्र होते हैं, वही गुर्जर समाज के हित में शिक्षा रोजगार के लिए समाज के सामाजिक संगठनों एवं विभिन्न पार्टियों के नेताओं द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए संकल्प लिया जाता है, तथा गुर्जर प्रतिभाएं छात्र-छात्राएं उच्च अधिकारी, खिलाड़ी आदि को सम्मानित किया जाता है ।
फिल्म, टीवी सीरियल, तथा यूट्यूब के क्षेत्र में भी हमारे क्षेत्र के गुर्जर समाज के युवा युक्तियां काम कर रहे हैं वही हमारे गुर्जर समाज का अमित भड़ाना को यूट्यूब पर लघु फिल्म बनाने पर तथा हापुड़ की दो लड़कियों को सैनिटेशन का निर्माण करने पर ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है।
अभी-अभी गोल्फ का 3 बार का जूनियर विश्व चैंपियन 15 वर्षीय अर्जुन भाटी जो 102 मेडल अब तक जीत चुका है। आज उसने मेडलो को बेचकर के कोरोना की बीमारी में प्रधानमंत्री कोष में ₹430000 जमा किए जिसकी सराहना प्रधानमंत्री सहित देश की बड़ी-बड़ी हस्तियों ने की। टीवी तथा अखबारों ने इसे महादान वीर की उपाधि दी है । यह हमारे गुर्जर समाज के लिए बहुत ही गौरवपूर्ण घटना है । इससे हमारे गुर्जर समाज का गौरवशाली इतिहास का सबूत पक्का होता है कि हम राष्ट्रभक्ति में सर्वोपरि हैं।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर मेरा विचार है कि हम भारत के विकास में प्रगति में शामिल हो चुके हैं और सैकड़ों की संख्या में हमारे समाज में अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय राज्य स्तर पर खिलाड़ी हैं ।
हजारों की संख्या में डॉक्टर, इंजीनियर है सैकड़ों की संख्या में आईएएस, पीसीएस जैसे अधिकारी है
महाराष्ट्र और गुजरात में तो सभी क्षेत्रों में आदरणीय हैं बड़े-बड़े उद्योगपति हैं, बाकी प्रदेशों में भी व्यापार एवं उद्योग में हजारों की संख्या में आगे बढ़ रहे हैं। अपने वैभवशाली इतिहास और संपूर्ण देशों के लोगों के सामने लाने के लिए बहुत सारे इतिहासकार दिन-रात कार्य कर रहे हैं, विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न विभिन्न समाज के सामाजिक संगठन अपने महान पूर्वजों की मूर्ति उनके नाम पर सड़क और भवनों का निर्माण तथा उनकी जयंती मनाने के लिए दिन मेहनत रहे हैं, राजनीतिक लोगों एवं उनके समर्थक समाज में अपने अपने स्तर पर उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं।
अभी करना तो बहुत शेष है, हौसला और साहस की कमी हमारे पूरे समाज में नहीं है, एक दिन हम पूरे देश में अपनी श्रेष्ठता का झंडा अवश्य मैं फहराएंगे।
मंडल आयोग के आंदोलन के समय पर मै बड़ी-बड़ी मीटिंगों मे अपने समाज की आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हिंदी की मुक्तक को सुनाता था जो मेरे द्वारा ही रचित है कृपया अवलोकन करने का कष्ट करें :-

“अभिनंदन के नंदन बदलो, हवा के झोंके बदले हैं|
अपने वतन का चंदन बदलो, विषधर भी अब बदले हैं||
भोर हुआ है उठो रे साथी, जहां तुम्हें अब जाना है|
जहां मे ऊंची उड़ाने भर लो, पथ कंटक भी अब बदले हैं||”

नोट: मेरी इस तरह की पोस्ट लिखने का उद्देश्य इसलिए है कि मोदीनगर कॉलेज में बीएससी करते हुए श्री मछु सिंह नागर प्रिंसिपल के द्वारा मुझ जैसे युवकों को अपने गुर्जर समाज में शिक्षा की कमी के प्रति जागरूक किया, उसके बाद मैं मेरठ कॉलेज, मेरठ में एमएससी, B.Ed का 1980 से लेकर 1984 तक छात्र रहा, पूरे मेरठ के शहर में मैंने प्रत्येक गुर्जर छात्रों को इकट्ठा किया वहीं विचार उनके बीच में प्रस्तुत किया, ईश्वर को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा कही गई यह बात की ” जो बात आप सच्चे मन से सपने में देखोगे वह अवश्य पूरी होती है”
उनकी बात सार्थक हो गई, जब हमारा परिवार गांव से उठकर नोएडा में आ गया और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के कार्य में लग गया, हमारे परिवार में पैसा आ गया, और उस विचार को पंख लगाने के लिए मैं और मेरे भाई, संकल्पित हो गए, उसका परिणाम हमारे परिवार का पूरे देश में यथासंभव योगदान हो पाया, अभी और होना बाकी है, अब तो मैं उस विचार को पूरे भारत देश के लोगों में फैलाने के लिए इस तरह की पोस्ट लिख रहा हूं ।
मेरा सिद्धांत है, राजनीति के अलावा शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा समाज का संपूर्ण विकास हो सकता है ।


चौधरी नेपाल सिंह कसाना नोएडा

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