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राजनीति

तथ्यों के आधार पर उठा रहे हैं मुद्दा: विद्रोही

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेट एवं पूर्व प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस पार्टी के जो भी सांसद, विधायक व नेता विकास व नौकरियों में भेदभाव का मुद्दा उठा रहे है, वे ये मुद्दा किसी व्यक्तिगत स्वार्थ भावना या गलतफहमी के कारण नही उठा रहे है अपितु कांग्रेस हित में जनता की आवाज को ही उठा रहे है। विद्रोही ने कहा कि जो नेता विकास व नौकरियों में हो रहे भेदभाव पर सार्वजनिक चिंता व रोष जता रहे है, वे प्रमाणिक तथ्यों व जमीनी वास्तविकता के आधार पर ऐसा कर रहे है जबकि जो पार्टी के सांसद, विधायक, मंत्री व नेता प्रदेश में हर वर्ग व हर क्षेत्र को विकास व नौकरियों में समान भागीदारी देने का राग अलाप रहे है, उनके पास न तो प्रमाणिक आंकड़े है और न ही वे निजी हितों के कारण सच बोलने की हिम्मत करते है।
कुछ पार्टी नेता व निर्वाचित जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री के विकास व नौकरियों में खुलेआम भेदभाव की नीति को देखते व जानते हुए भी इसलिए मुख्यमंत्री की हां में हां आंख मूंद कर मिला रहे है क्योंकि वे प्रदेश में सत्ता का दोहन करके अपना आर्थिक हित साध रहे है। विद्रोही कहा कि दूसरों को गलतफहमी का शिकार बताने वाले व निजी हितों की राजनीति के चलते विकास व नौकरियों में भेदभाव की बात उठाने के लिए आरोपित करने वाले पार्टी नेता पहले अपने गिरेबान में झांककर देखकर सार्वजनिक रूप से यह बताने की हिम्मत करे कि आठ साल पहले उनकी आर्थिक स्थिति क्या थी और आज सत्ता का दोहन करके उनकी दौलत कितनी हो गई है? मुख्यमंत्री की चापलूसी करने व चापलूसी करके अपने आर्थिक हित साधने के लिए आये दिन विकास रथ यात्राएं बिना लोगों से बात किये सड़कों पर अपने वाहनों पर कथित विकास रथ लिखवाकर दौडऩे वाले नेता चापलूसी करके अखबारों में प्रयोजित खबरे छपवाकर मुख्यमंत्री को तो खुश कर सकते है, लेकिन जनता को नही बरगला सकते। विद्रोही ने मुख्यमंत्री से कहा कि झूठी विकास योत्राओं से प्रसन्न होने की बजाय यदि वे विकास व नौकरियों में भेदभाव नही कर रहे है तो विगत आठ सालों में दी गई सरकारी नौकरियां व विकास पर श्वेत पत्र जारी करने की हिम्मत क्यों नही करते? मार्च 2005 से मार्च 2013 तक के आठ वर्षो में प्रदेश कांग्रेस सरकार का प्रदेश के विकास का प्लान बजट 75 हजार करोड़ रूपये रहा है व इन आठ वर्षो में विकास पर नान प्लान बजट के तहत 25 हजार करोड़ रूपये और खर्च किये गए है। इस तरह विगत 8 सालों में प्रदेश में एक लाख करोड़ रूपये शहरी व गांवों में विकास के नाम पर खर्च किए गए है। मुख्यमंत्री इन एक लाख करोड़ रूपयो का ब्यौरा दे कि आठ सालों में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में किस-किस विकास परियोजना पर कितनी-कितनी राशी खर्च की गई है, समान विकास की सगाई अपने आप जनता के सामने आ जायेगी। विद्रोही ने कहा कि आठ वर्षो में सरकार ने लगभग एक लाख सरकारी कर्मचारी प्रदेश में भर्ती किए है।
इन भर्ती किये गए सरकारी कर्मचारियों के पूरे नाम, पते, जाति सहित व किस स्कूल से इन्होंने दसवी की परीक्षा पास की है, इसका श्वेत पत्र जारी कर दे तो नौकरियों की सगााई भी अपने आप जनता के सामने आ जायेगी। विद्रोही ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि यदि वे सगो है और उन्होंने विकास व नौकरियों में जातिय व क्षेत्रिय भेदभाव नही किया है तो विकास व नौकरियों में भेदभाव ना करने का बिना तथ्यों के साथ असंगत राग अलापने व दूसरों को नसीहत देने की बजाय वे विगत आठ सालों का विकास व नौकरियों पर श्वेत पत्र जारी करने का साहस करके दिखाये।

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