आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
एक तरफ पूरा विश्व कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। ऐसे में भी पड़ोसी देश पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल, पाकिस्तान इन दिनों कोरोना की मार झेल रहा है और खबर यह आ रही है कि पाक अपने कोरोना के मरीजों को पाक अधिकृत कश्मीर भेज रहा है। अब महामारी से डरे सहमे स्थानीय लोग पाक सेना के इस कदम का जमकर विरोध कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद पाक की यह हरकत अभी जारी है। वहीं PoK के राजनीतिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अंतर्राष्ट्रीय मदद पाने के लिए पाकिस्तान संक्रमण को पूरे देश में फैलाना चाहता है।
1947 में पाकिस्तान बनने से आज तक के इसके इतिहास को देखे जाने पर देश के उत्थान के लिए संसाधनों जुटाने का प्रयत्न ही नहीं किया, बल्कि भारत विरोध कर भारत-विरोधियों से धन अर्जित करता रहा है। समय चक्र ऐसा घुमा कि आज भारत विरोधी भी भारत की ताकत को मानने को मजबूर हो गए हैं। फिर 1971 में पाकिस्तान से अलग हुए ईस्ट पाकिस्तान से बने बांग्लादेश पाकिस्तान से कहीं आगे निकल चुका है, लेकिन यह देश जहाँ 1947 में था आज भी वहीं है, आत्मनिर्भर होने का प्रयास तक नहीं किया। अब सरकार चलाने और अपनी कुर्सी की खातिर इस तरह की घिनौनी हरकतों से भीख मांगने की उधेड़ बुन में लगा हुआ है।
पाकिस्तान के मीरपुर इलाके में स्थानीय लोग पाक सेना के इस कदम का खूब विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी लोगों का आरोप है कि पंजाब के कोरोना पॉजिटिव मरीजों को सेना से दूर करने के लिए पंजाब से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान भेजा जा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के मीरपुर और दूसरे शहरों में स्पेशल क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जहाँ पंजाब के मरीजों को लाया जा रहा है। वहीं पाक सेना के टॉप अफसरों ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव मरीज को आर्मी के घरों के करीब न रखा जाए। नतीजन बड़ी संख्या में गाड़ियों में बंद करके ये मरीज POK और गिलगिट-बल्टिस्तान में भेजे जा रहे हैं।
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