गुवाहाटी आसाम हिंदू महासभा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रेनू मोहंतो ने कहा है कि ईसाई मिशनरियों के अत्याचारों की ओर ही केंद्र की मोदी सरकार को ध्यान देना चाहिए । उन्होंने कहा कि 1950 में नेपाल में केवल 50 ईसाई थे जो 1950 में 35 हजार 1991 में 50 हजार व 1994 में 1 लाख 20 हजार हो गये। नेपाल के 75 जिलों में चर्च की स्थापना हो चुकी है।
मदर टेरेसा-उत्तर पूर्वांचल में लाखों हिंदुओं को ईसाई बनाने वाली विदेशी महिला मदर टेरेसा को भारत सरकार ने भारत रत्न की उपाधि प्रदान की। अन्त्येष्टि (1997) भी सरकार के पैसे से की गयी ।
श्रीमती रेनू मोहंतो ने कहा कि उड़ीसा में स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या केवल इसलिए की गयी कि धर्मांतरित ईसाई पुन: हिंदू धर्म में वापिस आने लगे थे। इसके लिए लक्ष्मणानंद के सेवा कार्य को ध्वस्त किया गया। मेघालय में नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल आफ नागालैंड के हथियार बंद आतंकी समूह कार्य कर रहे हैं। अरूणाचल के चांग्लोग व तिरप जिले के ईसाई आतंक से ग्रस्त है, इन जिलों को वृहत्तर नागालैंड में मिलाने की मांग की जा रही है। कोलकाता में एक ईसाई नन ने सात वर्षीय हिंदू बालिका को ईसाई न बनने पर चाकू से गोदकर मार डाला। त्रिपुरा में सनातन धर्म के गुरूदेव शांति काली जी की 8 मार्च 2001 को हत्या की गयी। मिजोरम से 45 हजार रियांग जनजाति के लोगों को ईसाई न बनने पर राज्य से बाहर नि काल दिया गया। अगरतला व बैपटिस्ट चर्च का सेके्रटरी विस्फोट सामग्री के साथ गिरफ्तार हुआ (एशियन एज, 18 अप्रैल 2000) ये घटनाएं भारत व्यापी हैं। यदि समय रहते इसके निदान के उपाय नही सोचे गये तो संपूर्ण भारत किसी दिन अमेरिका व यूरोपीय देशों का चरागाह बन जाएगा। वर्तमान में 3 प्रदेश ईसाई बहुल बन चुके हैं। परंतु इन तीनों (नागालैंड, मिजोरम, मेघालय) के अतिरिक्त केरल व छत्तीसगढ़ में भी ईसाई मुख्यमंत्री बन चुके हैं। भविष्य का भारत हिंदू संचेतना तथा सांस्कृतिक गौरव के उद्घोष की सतत प्रतीक्षा कर रहा है।
हिंदू महासभा की नेता ने कहा कि प्रदेश की हिंदू जनता को देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी से विशेष अपेक्षाएं हैं । इसलिए हिंदू महासभा उनसे मांग करती है कि हिंदू समाज के हितों की सुरक्षा की ओर ध्यान देते हुए ईसाई मिशनरियों के अत्याचारों को बंद कराने हेतु विशेष कदम उठाए जाएं।
मुख्य संपादक, उगता भारत