आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली में कोरोना वायरस के फैलते प्रभाव को देखकर हर कोई हैरान है। धीरे-धीरे राष्ट्रीय राजधानी में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है। अब ऐसे में जब सरकार हर जरूरी प्रयास करके जनता को जागरूक करने का काम कर रही है, उन्हें कोरोंटाइन कर रही है, तब ये सवाल उठता है कि आखिर कैसे ये संक्रमण दिल्ली में बढ़ा? तो इस सवाल के जवाब को जानने के लिए हमें दिल्ली में कोरोना के 10वें मामले पर गौर करने की जरूरत है, जिसने सऊदी अरब से लौटकर लापरवाही दिखाई और यहाँ कई लोगों को संदिग्धों की कतार में खड़ा कर दिया।
सरकारी आँकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अब तक 30 मामले सामने आए हैं जिनमें से 5 का संबंध इस महिला से है। महिला द्वारा दिखाई लापरवाही के कारण संक्रमित हुए लोगों में महिला की दो बेटियाँ, उसका भाई, माँ और एक डॉक्टर शामिल है।
महिला के घरवालों के अलावा जिस डॉक्टर ने उसके बीमार होने पर उसका चेकअप किया, वो दिल्ली का 30वाँ कोरोना से संक्रमित मरीज बनकर सामने आया है। अब डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद उनकी पत्नी और बेटी में भी संक्रमण के लक्षण नजर आए हैं, जिसके मद्देनजर उनका टेस्ट कर लिया गया है, अभी उनकी रिपोर्ट्स आना बाकी हैं।
जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के खुलासे के मुताबिक, महिला के आस-पड़ोस में रहने वाले कुल 74 लोगों को देखरेख में रखा गया है। उनके अनुसार जब महिला को ये संक्रमण पॉजिटिव आया तो उन्होंने उनके परिजनों से बात की और जानना चाहा कि 10 मार्च को महिला के दुबई से लौटने के बाद उसके और उसके परिवार के संपर्क में कौन-कौन आया। अब हालाँकि, मानवता के आधार पर इन सवालों का जवाब देना उन सबका कर्तव्य था लेकिन अधिकारियों के अनुसार, महिला के परिजनों ने इस पूछताछ में उनका बिलकुल भी सहयोग नहीं किया। जिस कारण उन्हें स्थानीय पुलिस की मदद लेकर जानकारी जुटानी पड़ी। अधिकारियों ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों से फुटेज लेकर उनका इस्तेमाल किया और कुछ लोगों की शिनाख्त की जिन्हें निगरानी पर रखा जाना था।
क्या दिल्ली को इन CAA विरोधियों ने कोरोना के बारूद पर बैठा दिया है?
जानकारी के अनुसार, महिला का भाई और उसकी माँ दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाके जहाँगीरपुरी में रहते हैं। ये दोनों महिला के दुबई से लौटने के बाद उसके संपर्क में आए थे, जिसके कारण इन्हें निगरानी में रखा गया। ज्ञात हो कि दुबई से लौटी बहन से मिलने के बाद उसका संक्रमित भाई जहाँगीरपुरी के CAA विरोधी प्रदर्शनों में जाता था जो बाद में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। अब उक्त महिला के भाई की वजह से करीब 400-450 लोगों के संक्रमित होने का डर बना हुआ है। इनके अलावा महिला के जीटीबी अस्पताल में भर्ती होने से पहले वो डॉक्टर भी उसके संपर्क में आया जो अब प्रदेश का 30वाँ मामला बना है। यानि क्या दिल्ली को इन CAA विरोधियों ने कोरोना के बारूद पर बैठा दिया है? यदि यह डर सच साबित हो गया, उस स्थिति में इन पर खर्च होने वाले एक-एक पैसे की भरपाई धरने के आयोजकों और समर्थकों से वसूली करनी चाहिए।
इस खुलासे के बाद अधिकारियों की चिंता उन मरीजों के प्रति बनी हुई है, जिन्हें उस डॉक्टर ने मोहल्ला क्लिनिक में जाँचा, जो संक्रमित महिला के संपर्क में आने के कारण कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ।
ये पहला मामला नहीं है जहाँ किसी एक संक्रमित व्यक्ति की गलती के कारण किसी नगर में संक्रमण कम्यूनिटी के बीच फैलना शुरू हुआ हो।