सौ रोगों की एक दवाई , हवा -धूप है मेरे भाई
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””प्राकृतिक चिकित्सा का यह उद्घोष वाक्य संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीनतम पुस्तकों में से एकअर्थववेद से निकला | साफ हवा ,सूर्य का प्रकाश सबसे बड़ा डिसइनफेक्टेंट है… संक्रमण , संक्रमण के लिए जिम्मेदार कारकों को नष्ट करने वाला| सनातन वैदिक संस्कृति में सूर्य को जड़ देवताओं में पिता की संज्ञा दी गई है पिता… का संस्कृत धातु में पूर्ण अर्थ है रक्षा करने वाला…. दुनिया का कोई बैक्टीरिया वायरस सूर्य की रश्मि के सामने टिक नहीं सकता सूर्य के प्रकाश में वह सामर्थ्य है… सूर्य के प्रकाश से हमें विटामिन डी मिलती है यह चिकित्सीय शोध में दशकों पहले सिद्ध हो चुका है कि विटामिन डी की कमी से मनुष्य का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर पड़ जाता है… ऐसे लोगों को सर्वाधिक खतरा होता है संक्रामक रोगों में घातक नुकसान होने का |स्पेनिश फ्लू की महामारी में 1918 अमेरिका के बोस्टन शहर में फ्लू से ग्रस्त कुछ गंभीर रोगियों को कैंप से बाहर निकाल दिया गया था उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया था लेकिन दिलचस्प घटना घटित हुई… साधारण देखरेख में वह लोग पूर्ण स्वस्थ हो गए जिन्हें सूर्य का प्रकाश व खुली हवा मिली…. कैंप के अंदर विशेष देखरेख में रखे गए मरीज मर गए | आज भी चिकित्सीय उपकरणों ओजारो कपड़ों को स्टाइलाइज करने का सबसे उपयुक्त किफायती तरीका उन्हें सूर्य के प्रकाश में रखना ही है… सूर्य हमारी दुनिया का सबसे बड़ा रोगाणु नाशक माध्यम है|यूरोपियन यूनियन ने कोरोना को लेकर ताजा गाइडलाइन जारी की है उनमें 50 से ज्यादा यूरोप के देशों के नागरिकों से कहा गया है कि वह ऐसे स्थान पर ना जाएं जहां सूर्य का पर्याप्त प्रकाश ना हो जहां स्वच्छ वेंटिलेशन हवा ना मिलती हो…. हमारे पूर्वज इन हवा धूप की विशिष्टताओं को हजारों वर्ष पहले ही भाप गए थे यहां पूर्वाअभिमुख हवादार मकान बनाए जाते थे जहां उगते व ढलते हुए सूर्य का पर्याप्त प्रकाश मिले…. |जबसे बंगलो कल्चर आया है वेस्टर्न आर्किटेक्चर से मकान बनाए जाते हैं यह मकान मकान कम पिजड़ा बनकर रह गए हैं…. जहां ना धूप पहुंच पाती है ना हवा… नतीजा संक्रामक बीमारियां | आज कोरोना को लेकर भीड़-भाड़ से बचने की सोशल डिस्टेंसिंग की बात की जा रही है यह कारगर है यशस्वी आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय जनता कर्फ्यू का कंसेप्ट लेकर आए हैं यह भी सराहनीय है लेकिन घर पर रहे तो यह सुनिश्चित करें सूर्य रश्मि ओं के संपर्क में रहें गहरी सांस ले, एकांत का अपना समय अपने घर में सर्वाधिक उस जगह पर बिताए जो सबसे ज्यादा हवा , प्रकाशदार हो |सूर्य, वायु अपना काम सृष्टि के आदि से लेकर आज तक कर रहे हैं इस धरा को निरंतर रोगाणुओं से मुक्त करते रहते हैं… यह अनूठा देव यज्ञ अनादि काल से चल रहा है|आर्य सागर खारी ✍✍✍
मुख्य संपादक, उगता भारत