हिंदू नववर्ष ही वैज्ञानिक और सृष्टि नियमों के अनुकूल: चक्रपाणि
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा है कि विश्व के लिए हिंदू नववर्ष ही वैज्ञानिक है और इसकी वैज्ञानिकता के कारण ही प्राचीन विश्व में यह संपूर्ण भूमंडल को मान्य था। स्वामी जी महाराज ने इस अवसर पर हिंदू महासभा के कार्यालय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया और सभी देशवासियों को अपनी ओर से शुभकानाएं दीं। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में आज तक भी वित्तीय वर्ष प्रथम अप्रैल से ही लागू होता है जो कि हिंदू कालचक्र (कलेण्डर) के अनुसार ही है और यह व्यवस्था कभी आर्यावर्त्त कालीन भारत की ओर हमारा ध्यान दिलाती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अब जबकि हम नया वर्ष मना रहे हैं तो सारी प्रकृति में हर ओर नयापन है। इस नयेपन का अहसास किसी अन्य माह में उतना नही होता जितना चैत्र माह में होता है। इसलिए यह परंपरा ही श्रेयस्कर और वैज्ञानिक है।
एक प्रश्न के उत्तर में स्वामी जी महाराज ने कहा कि रामसेतु समुद्रम परियोजना पर सरकार यदि कोई कदम आगे बढ़ाती है तो हिंदू महासभा उसका विरोध करेगी क्योंकि रामसेतु समुद्रम परियोजना एक महान देशघाती कदम है।
राम इस देश की संस्कृति की आत्मा है और उनसे जुड़ी यादों को संजोकर रखना संविधान के उस प्राविधान के भी अनुकूल है जिसके अनुसार देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों को संजोकर रखना प्रत्येक देशवासी का प्रथम और पुनीत कर्त्तव्य है। इसलिए सरकार के किसी भी असंवैधानिक कार्य का विरोध करना प्रत्येक देशवासी का कार्य है।