कोरोना महामारी : विदेशी कंपनियों की असंवेदनशीलता , दाम बढ़ाकर जनता को लूट रही हैं

जब जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है या किसी भी प्रकार से मनुष्य के लिए कोई ऐसी त्रासदी भयानक रूप धारण कर हमारे सामने आती है जो जानलेवा सिद्ध हो सकती हैं , तब स्वभाविक रूप से मनुष्यों के अंदर एक भय पैदा हो जाता है । उस भय को कैसे कैश किया जाए ? – यदि यह सीखना है तो यह उन कंपनियों से सीखा जा सकता है जो मानव जीवन रक्षक दवाइयों में भी केवल और केवल मुनाफा ही देखती हैं । अब कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के खेलने के समय भी यही देखा जा रहा है कि विदेशी कंपनियां मुनाफा कमाने के लिए मैदान में उतर चुकी हैं।

कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ दुनिया भर के लोग एकजुट हैं। इससे बचने के लिए तमाम तरह के उपाय किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सार्क देशों के नेताओं की बैठक हुई। अब जी-20 देशों के नेताओं की भी वीडियो संवाद के जरिए बैठक होने वाली है। लोगों को सतर्कता बरतने के साथ कई तरह के सलाह दिए जा रहे हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बार-बार साबुन से हाथ साफ करने और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। इस कारण साबुन और सेनिटाइजर की मांग बढ़ गई है। मांग बढ़ने के साथ ही फायदा उठाने के लिए विदेशी कंपनियां साबुन और सेनिटाइजर के दाम बढ़ाने में लग गई है।

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