आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भारत में कट्टरपंथी किस सीमा तक पहुँच चुकी है, इसका उदाहरण पूर्व चुनाव आयुक्त के ट्वीट से देखने को मिला, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना से पीड़ित होने की दुआ मांगी जा रही है।
मोदी से किसी विषय पर भेदभाव होना एक अलग बात है, लेकिन इस तरह की दुआ मांगना कुरैशी की गिरी हुई मानसिकता को उजागर करती है।
वास्तव में फ्रेंच ज्योतिष नॉस्त्रेदमस की 1555 की भविष्यवाणी शत-प्रतिशत चरितार्थ हो रही है कि 2014 में एक अधेड़ उम्र के नेतृत्व में ‘हिन्द'(भारत) में नयी पार्टी सत्ता में आएगी, जिसके चाहने वालों के साथ-साथ विरोधियों की कमी नहीं होगी।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी वैसे तो अपनी सेकुलर छवि के लिए जाने जाते हैं, लेकिन गुरुवार(मार्च 12) को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उनकी कुंठा दिखाई पड़ी। उन्होंने ट्विटर पर अप्रत्यक्ष रूप से मोदी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कामना की। जब इसके लिए आलोचना शुरू हुई तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर माफी मॉंग ली। उनका कहना है कि ऐसा गलत बटन दबने के कारण हुआ।
कुरैशी ने एक कट्टरपंथी के ट्वीट को रीट्वीट किया। इस ट्वीट में यूजर ने ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलोनसरो के कोरोना से संक्रमित होने की खबर को शेयर किया था। साथ ही उनकी दूसरी फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगाई थी, जिसमें वे ब्राजील के राष्ट्रपति से हाथ मिलाते नजर आ रहे थे।
दोनों नेताओं की यह तस्वीर गणतंत्र दिवस समारोह के आसपास की है। मगर, कोरोना वायरस की खबर के साथ इस तस्वीर को लगाना यूजर की मंशा को साफ दर्शाता है। यह मंशा और भी स्पष्ट उसके कैप्शन से होती है। इसमें वो लिखता है, “दुआ की दरख्वास्त है।”
इसके अलावा वह शख्स जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीमार होने की कामना की थी। वह भी इस पर अपनी सफाई लिखता है कि उसने दुआ प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए की है।
ये पहला मौक़ा नहीं है, जब नरेंद्र मोदी के लिए इस तरह के हितैषी निकलकर सामने आए हों। इससे पहले साल 2009 में एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार सुनेत्रा चौधरी ने भी नरेंद्र मोदी के बीमार होने पर अपनी खुशी व्यक्त की थी। साल 2009 में जब नरेंद्र मोदी स्वाइन फ्लू से संक्रमित हुए थे। उस समय सुनेत्रा ने लिखा था- नरेंद्र मोदी को स्वाइन फ्लू है। मुझे नहीं पता क्यों… लेकिन ये खबर मुझे उत्साहित कर रही है।
इसके अलावा दि क्विंट के भी एक पत्रकार थे सुप्रतीक चौधरी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुभकामनाएँ देने की बजाय इस बात पर खुशी जाहिर की थी कि वे अपनी मौत के एक साल और करीब पहुँच गए।
मुख्य संपादक, उगता भारत