नोएडा । ( अजय आर्य ) यहां पर ग्राम बरौला स्थित एल डी पब्लिक स्कूल में”१८५७ कॆ क्रान्तिनायक अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ ” के तत्वाधान में “अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध समूह जनपद-गौतमबुद्ध नगर” द्वारा १८५७ के क्रान्तिनायकों के सम्मान मॆं एक शोधपरक संवाद कार्यक्रम का आयोजन विगत 8 मार्च को किया गया। इस संवाद कार्यक्रम में पत्रकार-बन्धु, इतिहासकार, शौधार्थी तथा समाज के प्रबुद्धजन के मध्य शौधपरक संवाद हुआ।
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम के आयोजक एवं समाजसेवी जयपाल सिंह ने हमें बताया कि इस बैठक में 1857 की क्रांति के जनक धन सिंह कोतवाल और उनके अन्य क्रांतिकारी साथियों के जीवन पर प्रकाश डाला गया । कार्यक्रम में उपस्थित हुए धन सिंह कोतवाल शोध संस्थान समिति के पदाधिकारियों ने लोगों का मार्गदर्शन किया और उस समय के मेरठ जनपद के अंतर्गत रहे वर्तमान गौतमबुध नगर जिले के क्रांतिकारी इतिहास को लोगों को समझाया।
इस अवसर पर शोध संस्थान के ओर से विचार रखते हुए श्री तस्वीर सिंह चपराना ने कहा कि 18 57 के क्रांतिकारियों के साथ किए गए अन्याय को समाप्त कर वर्तमान राष्ट्रीय इतिहास में उन्हें स्थान दिलाना उनके इस संस्थान का प्रमुख कार्य है । जिसके लिए संस्थान प्रत्येक गांव में जा जाकर लोगों को जागरूक कर रहा है और उनसे 1857 या उसके बाद के क्रांतिकारी इतिहास में नाम दर्ज कराने वाले लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री सतवीर गुर्जर ने सभी उपस्थित पदाधिकारियों का गांव क्षेत्र की ओर से हार्दिक अभिनंदन किया और उन्हें आश्वस्त किया कि इस मिशन में वह स्वयं और उनके क्षेत्र के लोग शोध संस्थान के साथ कार्य करेंगे। कार्यक्रम में इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में 18000 लोगों का एक साथ एकत्र होना अपने समय की बहुत बड़ी घटना थी। जिसके लिए उनका जितना गुणगान किया जाए उतना कम है। श्री आर्य ने कहा कि हमें सीमा के सिपाही बनने के साथ-साथ कलम का सिपाही बनने की भी आवश्यकता है।
बैठक में सरजीतसिंह ब्लॉक प्रमुख , कैप्टन सुभाषचंद व मेरठ के पार्षद गुलबीरसिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए और भारत के इतिहास को फिर से इस प्रकार लिखे जाने पर बल दिया जिसमें मेरठ क्षेत्र के क्रांतिकारियों का उचित सम्मान हो सके । इन वक्ताओं ने कहा कि मेरठ क्रांति का गढ़ बना तो इसके पीछे की केवल धन सिंह कोतवाल का ही परिश्रम काम कर रहा था।
इस कार्यक्रम का आयोजन शोध संस्थान की जनपद गौतम बुद्ध नगर शाखा द्वारा किया गया था।
मुख्य संपादक, उगता भारत