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हिंदू विरोधी दंगा : ताहिर हुसैन के बचाव में उतरी ‘ द वायर’

साभार आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

आईबी के अंकित शर्मा की बर्बर हत्या समेत दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों के प्रमुख आरोपित, फरार चल रहे आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को आज दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

जहाँ एक तरफ इस समाचार से अंकित शर्मा के परिवार सहित बहुत सारे दंगा पीड़ित हिन्दुओं को कुछ संतोष हासिल हुआ होगा वहीं इसने द वायर समेत कई सारे लेफ्टिस्ट मीडिया संगठनों के लिए काम का लोड बढ़ा दिया। अंकित शर्मा की बर्बर हत्या की विभीषका को दमभर झुठलाने की कोशिशों के बाद अब प्रोपोगंडा साइट द वायर अंकित शर्मा के हत्यारोपी ताहिर हुसैन को निर्दोष सिद्ध करने में जान लगा दी है।

द वायर को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ताहिर हुसैन दावा करता है कि वह निर्दोष है और खुद ही साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार है। द वायर द्वारा ट्वीट की गई वीडियो क्लिप में ताहिर हुसैन को यह कहते सुना जा सकता है कि उसे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और उसको यह भरोसा है कि उसके साथ मुस्लिम होने के कारण अन्याय नहीं होगा।

ऐसे में क्या द वायर ने ताहिर से यह पूछना चाहिए था कि “क्या घर में जमा दंगाई, ईंट, पत्थर, एसिड और पेट्रोल बम मुस्लिमों का नरसंहार करने के लिए थे?” लेकिन द वायर जैसे मीडिया तो दंगों के मास्टरमाइंड को बचाने में व्यस्त हैं। वरना गिरफ़्तारी से पूर्व साक्षात्कार का क्या अर्थ निकाला जाए? क्या गिरफ्तारी से पूर्व साक्षात्कार करने वाले मीडिया को ताहिर के छुपे होने की जानकारी थी?

आज ऐसा ही कुछ दावा इसने आजतक को दिए अपने “एक्सक्लूसिव इंटरव्यू” में भी किया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अंकित शर्मा को दो और लोगों के साथ ताहिर हुसैन की बिल्डिंग में एक मुस्लिम भीड़ खींच कर ले गई थी, जिसकी छत पर लाठी लिए ताहिर हुसैन के साथ पेट्रोल बमों और पत्थरों के ढ़ेर को विभिन्न तस्वीरों और फुटेज में देखा जा सकता है। ताहिर हुसैन की इसी बिल्डिंग की छत से सैंकड़ों इस्लामिक फसादियों ने बगल के हिन्दू घरों और मोहल्ले की गलियों पर पेट्रोल बम, तेज़ाब, और पत्थर से हमले करने के लिए इस्तेमाल की थी।

दिल्ली में जिस तरह से दंगाइयों ने सड़कों और घरों पर तांडव किया, उससे बार-बार सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी हिंसा बिना पूर्व तैयारी और साजिश के नहीं हो सकती। फिर सवाल उठता है कि इस साजिश में कौन-कौन लोग शामिल है। इन सवालों का जवाब अभी पूरी तरह से मिलना बाकी है, लेकिन हिंसा वाली जगहों से मिले गुलेल, पत्थर और पेट्रोल बम स्पष्ट तौर पर साजिश का संकेत दे रहे हैं। आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के घर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जो पहली नजर में चीख चीख कर हिंसा और उसकी साजिश की कहानी बयां कर रहा है।

आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर की छत से इंडिया टीवी संवादाता कुमार सोनू की रिपोर्ट बताती है कि छत पर पेट्रोल बम का जखीरा, बड़े बड़े पत्थरों का अंबार , उन पत्थरों को चलाने के लिए गुलेल… सब मौजूद थे।

ताहिर हुसैन ने अपने बचाव में सफाई दी और वीडियो भी जारी किया। लेकिन उसके द्वारा दी गई दलीलें उसके घर के वायरल वीडियो के सामने कहीं नहीं टिकते। अंकित शर्मा हत्या और दंगा मामले में केस दर्ज होने के बाद से ताहिर हुसैन फरार है। लेकिन जिस तरह ताहिर हुसैन ने दंगे को अंजाम दिया है, उससे पता चलता है कि उसके पीछे बड़ी ताकतें काम कर रही हैं। आम आदमी पार्टी का एक ऐसा पार्षद है, जो एक मजदूर से एक रसूखदार नेता बन गया। उसकी पहुंच सीधे आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं तक है।भाजपा संवाद ने एक ट्वीट किया है, जिसमें बताया है कि हिंसा के तीन दिन पहले तक ताहिर हुसैन ने अमानतुल्लाह खान को 56 बार, मनीष सिसोदिया को 18 बार और सीएम अरविंद केजरीवाल को 9 बार फोन किया था।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार किया। मिश्रा ने दिल्ली हिंसा के लिए केजरीवाल के साथ ही आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह पर आरोप लगाया है। मिश्रा ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा-

”डंके की चोट पर कह रहा हूं। अगर दंगों के दिनों की ताहिर हुसैन के फोन के कॉल डिटेल्स खुल गई तो दंगों में और अंकित शर्मा की हत्या में संजय सिंह और केजरीवाल दोनों की भूमिका सामने आ जाएगी।”

इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार से एक गंभीर सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि अंकित शर्मा की हत्या कहीं आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के इशारे पर इसलिए तो नहीं की गई क्योंकि वह बांग्लादेशी आतंकवादियों के साथ ताहिर हुसैन के संबंधों की जांच कर रहे थे?

दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के इस नेता के खिलाफ दफा 302 A के अंतर्गत दयालपुर पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज किया हुआ है। मजे की बात ये है कि जहाँ एकतरफ सभी न्यूज़ चैनल ताहिर हुसैन की गिरफ्तारी की खबर चला रहे हैं वहीं कुछ लेफ्टिस्ट पोर्टल उसे निर्दोष सबित करने में जुट गए हैं।

इससे पहले द वायर ने यह कहा- “ऐसा माना जा रहा है कि अंकित शर्मा की पीट-पीट कर हत्या की गई।”, न सिर्फ अंकित शर्मा के वीभत्स मर्डर को झुठलाने की कोशिश की गई थी बल्कि दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में इस्लामिक भीड़ द्वारा हिन्दुओं पर बरपाये गए कहर को भी नजरअंदाज करने का कुत्सित प्रयास किया था।

सुब्रमण्यम स्वामी के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्होंने यह आरोप ऐसे ही नहीं लगाए होंगे। पिछले वर्ष जाफराबाद में NIA ने जब कई सर्च अभियान चलाया था तब NIA को आंतकी सुराग मिले थे जिसमें दिल्ली और UP में कई आतंकी हमले करने का प्लान शामिल था। इस छापे में NIA ने बम बनाने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। वहीं पिछले महीने 9 जनवरी को, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में एक इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकी मॉड्यूल का भी पता लगाया था, जिसमें दिल्ली के वज़ीराबाद इलाके में तीन आतंकी संदिग्धों की गिरफ़्तारी हुई थी। इसके साथ ही कई मामले देश में ऐसे भी हैं जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों आतंकियों के साथ लिंक सामने आये हैं। ऐसे में अगर दिल्ली में बांग्लादेशी आतंकवादियों का साथ देने और अंकित शर्मा की हत्या में में कहीं से भी ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आती है तो यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए और बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है।

लेकिन ‘सीरियल ऑफेंडर’ द वायर की इस करतूत पर अचरज करने की कतई जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि वह किसी न किसी प्रकार शरजील इमाम या ताहिर हुसैन जैसे इस्लामिस्ट और दंगाइयों को एक प्लेटफॉर्म मुहैया करवाता आया है।

इसने अंकित शर्मा के बर्बर मर्डर पर भी तभी कुछ कहा था जब इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई थी, और वह भी ताहिर हुसैन को बचाने की कोशिश करते हुए। इस प्रोपोगंडा साइट ने दिल्ली के इन हिन्दू विरोधी दंगों को उलटे मुस्लिमों के खिलाफ हिन्दुओं का हमला कहा जबकि दंगों के गुनहगार, प्लानिंग, दंगों के दौरान हुई बर्बरता यह साबित करती है कि ये दंगे हिन्दुओं के नरसंहार के लिए पूरी तरह सुनियोजित थे।

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