गडकरी जी ! सावरकर पर यदि गर्व है तो शिवसेना की चुनौती स्वीकार करो और सावरकर जी को भारत रत्न प्रदान करो : संदीप कालिया
नई दिल्ली । अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कालिया ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान पर तंज कसा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि कोई सावरकर जी के लिए बुरा भला कहता है तो उन्हें दुख होता है। इस पर हिंदू महासभा नेता ने कहा है कि भाजपा को सावरकर के नाम पर राजनीति ना करके उन्हें भारत भारत रत्न प्रदान करना चाहिए ।
श्री कालिया ने कहा कि शिवसेना द्वारा इस संबंध में दी गई चुनौती को गडकरी जी को स्वीकार करना चाहिए । भावनात्मक बातें करने से जनता का भला नहीं होने वाला , बल्कि भाजपा और उसके नेताओं को व्यावहारिक राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए ।
ज्ञात रहे कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा हैं कि जब कोई व्यक्ति महान हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के बारे में बुरा-भला कहता है तो उन्हें “बहुत तकलीफ” होती है. गडकरी ने बताया कि एक बार विपक्ष के एक “बड़े” नेता से वह इसी मुद्दे पर भिड़ गए थे और सावरकर की निंदा करने से पहले उनके बारे में अध्ययन करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि सावरकर पर हमें गर्व है.
संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता अरविंद खांडेकर के अभिनंदन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, “जब कोई सावरकर के बारे में कुछ गलत कहता है तो मुझे बहुत दुख महसूस होता है. विनायक दामोदर सावरकर और शिवाजी महाराज हम सभी के लिए पूजनीय हैं. हमें सावरकर पर गर्व है.”
उन्होंने कहा, “मैं एक बार एक बड़े राजनेता से मिला था जिन्होंने सावरकर के बारे में बुरा बोला था. मैंने उनसे सावरकर के बारे में गलत नहीं बोलने और पहले उन्हें सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बारे में पढ़ने के लिए कहा था.”
गडकरी ने “नेता” के साथ मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, “उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप आरएसएस कार्यकर्ता हैं ? मैंने हां में जवाब दिया. तब उन्होंने जवाब दिया कि आप अच्छे हैं. मैंने कहा कि यदि मैं अच्छा हूं तो आरएसएस और सावरकर भी अच्छे हैं और अगर सावरकर और आरएसएस बुरे हैं तो मैं भी बुरा हूं. मैंने उन्हें पहले आरएसएस और सावरकर के बारे में पढ़ने और फिर आलोचना करने के लिए कहा था।”
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्री कालिया ने भाजपा पर व्यंग करते हुए कहा कि यह पार्टी हिंदुओं की भावना से केवल खेलने का काम करती है । वास्तव में वह सावरकर जी के बारे में वैसा दृष्टिकोण नहीं रखती जैसा कि अपेक्षित है। यदि भाजपा वास्तव में सावरकर जी के चिंतन से सहमत हैं और उन्हें सम्मान देना चाहती है तो भाजपा को न केवल उन्हें भारत रत्न देना चाहिए बल्कि उनके सपनों के अनुसार भारतवर्ष को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए।