दिल्ली दंगा हिंदुओं के विरुद्ध ताहिर का मकान ही नहीं मस्जिदों और मदरसों का भी हुआ इस्तेमाल

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हिन्दुओं के ख़िलाफ़ हुई हिंसा पूर्व नियोजित होने के कई सबूत सामने आ रहे हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों से लगातार ऐसी तस्वीरें और विडियो सामने आ रही हैं, जो इस बात को प्रमाणित करती हैं कि ये हिंसा दो समुदायों के आमने-सामने आने से नहीं भड़की, बल्कि ये सब एक प्लान के तहत हुआ। मुस्लिम दंगाइयों ने हिन्दुओं के घरों पर, उनकी गाड़ियों पर और उनके शैक्षणिक संस्थानों पर हमला करने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी।

सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो वायरल हो रहा है। विडियो जिस मदरसे का है उसके आसपास ही शिव विहार, अमर विहार, मुस्तफाबाद है। विडियो में देखा जा सकता है कि मदरसे की छत पर एक बडा गुलेल सेट किया है। इससे पत्थर और पेट्रोल बम जमकर बरसाए जा सके। विडियो में आप देख सकते हैं कि ये गुलेल आम गुलेल की तरह नहीं है। लोहे की रॉड पर रबड़ लगाकर बड़े आकार में इसे बनाया गया है। इसमें यदि कोई चीज फँसाकर दागी जाए, तो वो दूर जाकर गिरेगी।

वीडियो बनाने वाले शख्स को कहते सुना जा सकता है कि गुलेल को निशाना लगाने के लिए जिस जगह सेट किया गया है उसके सामने अमर विहार का इलाका है और वहाँ हिंदुओं की दो पार्किंग हैं। जहाँ पर मदरसे से पेट्रोल बम आदि फेंके गए। इसके अलावा युवक मदरसे के बगल में एक बिल्डिंग को भी दिखा रहा है जहाँ पर हिंदू व्यक्ति को मार दिया गया।

युवक को कहते सुना जा सकता है कि इस युद्ध में कबाड़े की चीज़ों का भी दंगाइयों ने इस्तेमाल किया। युवक कहता है कि ये लड़ाई नहीं है, ये युद्ध है। इसे ही सिविल वार कहा जाता है। हालात देखकर युवक कहता है कि इजराइल के साथ भी ऐसा ही युद्ध लड़ा जाता है और हमारे (हिंदुओं) साथ भी ऐसा ही युद्ध लड़ा जाता है।

विडियो में हम देख सकते हैं कि युवक मदरसे के टॉवर से दो जगहों को और दिखाता है। एक हिंदुओं का स्कूल और दूसरा मुस्लिमों का स्कूल। विडियो में साफ दिख रहा है कि दंगाइयों ने हिंदुओं के स्कूल को तहस-नहस कर दिया है। एक क्लासरूम भी नहीं छोड़े गए हैं, जबकि मुस्लिमों के स्कूल में हल्के नुकसान से अतिरिक्त कुछ नजर नहीं आ रहा।

राजधानी पब्लिक स्कूल से रस्सी के सहारे गुंडों ने उतर के बगल के डीआरपी स्कूल को जला डाला। जो शिव विहार में स्थित है। क्योंकि ये एक हिन्दू का स्कूल है। स्थानीय लोगों ने साफ बताया मुसलमानों ने इसे जलाया है ।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर इस विडियो को जमकर शेयर किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि लोग अपने दिमाग से इन बातों को निकाल दें कि ये हिंसा सीएए के विरोध में हुई। ये हिंसा हिन्दुओं के ख़िलाफ़ पूर्व नियोजित थी। वरना कौन पत्थर और पेट्रोल बम फेंकने के लिए गुलेल लगाता है।

इन क्षेत्रों के हिन्दुओं में आम आदमी पार्टी के खिलाफ नफरत होने के साथ-साथ भाजपा से भी है। जब भीम आर्मी द्वारा भारत बंद का आव्हान किया गया था, क्यों नहीं, सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया ? क्यों डोनाल्ड ट्रम्प के वापस जाने का इंतज़ार किया जा रहा था? भजनपुरा गए भाजपा पार्षद को वहां हिन्दुओं के रोष का सामना करना पड़ा। उस पार्षद की चुनाव जीतने के बाद पहली बार क्षेत्र में शक्ल दिखाई दी।

लोगों का पूछना था “क्या सरकार को दंगे की कोई सूचना नहीं थी? क्या गुप्तचर एजेंसियों को आप पार्षद ताहिर हुसैन, मस्जिदों और मदरसों में जमा हो रहे पत्थर, ईंट, एसिड और पेट्रोल बम बनाए की सुगबुहाट नहीं मिली?” पार्षद के पास इन सवालों का जवाब न होने के कारण वापस जाना पड़ा।

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