भारत में मुख्यतौर पर चार प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं-
(1) जलोढ़ मिट्टी-यह मिट्टी नदियों द्वारा बहाकर लाए गये पदार्थों के जमाव से बनी होती है। यह सबसे अधिक उपजाऊ मिट्टी है। इसमें चिकनी मिट्टी तथ बारीक रेत का मिश्रण है। इसे रासायनिक गुण रबी तथा खरीफ की अच्छी फसल पैदा करते हैं। यह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड, पश्चिमी बंगाल, असम तथा देश के कुछ अन्य भागों में पाई जाती है।
(2) काली मिट्टी-यह लावा के जमावों से बनी मिट्टी है, जो भारत में संपूर्ण महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश तथा पश्चिमी मध्य प्रदेश में पाई जाती है। कपास, ज्वार, गेंहूं अलसी, मूंगफली व चना के लिए यह सबसे अधिक उपयुक्त मिट्टी है।
(3) लाल मिट्टी-यह मिट्टी लाल पत्थर प्राचीन रवेदार चट्टानों और परिवर्तित चट्टानों के टूट-फूट के जमावों से बनी है। यह तमिलनाडु छोटा नागपुर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, राजस्थान, व दक्षिणी पूर्वी मुंबई, आंध्र प्रदेश के पूर्व में पाई जाती है। यह कृषि के लिए अधिक उपयोगी नही है।
(4) लेटेराइट मिट्टी-इस मिट्टी का निर्माण चट्टानों की टूट फूट से हुआ है। यह असम, मध्य प्रदेश, पूर्वी तथा पश्चिमी घाटों पर पाई जाती है। यह चाय उत्पादन के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है।
भारत की प्रमुख नदियों की लंबाई-
नदी का नाम लंबाई नदी का नाम लंबाई
सिंधु 2,736 नर्मदा 1,057
ब्रह्मपुत्र 2900 कृष्णा 1400
गंगा 2510 महानदी 857
गोदावरी 1465 कावेरी 800
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