आम आदमी पार्टी से निलंबित होते ही ताहिर हुसैन के बचाव में आगे आया अमानतुल्लाह खान
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली में हुए दंगों से जनता को भी जागना होगा कि भविष्य में किसी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को अपना वोट देकर अपने प्रान्त अथवा देश को साम्प्रदायिकता के बारूद के ढेर पर न बैठाएं। यदि लालची एवं आपराधिक छवि वालों को हरा दिया होता, ये खुनी खेल नहीं खिलता। पार्टियां तो अपनी सत्ता के लालच में इन लोगों को टिकट देगी, लेकिन जनता अपने दिलो-दिमाग का इस्तेमाल नहीं करती। अगर जनता अभी भी अपनी आंखें नहीं खोलती, तो यही कहा जा सकता है कि “सोते हुए जगाना आसान है, परन्तु जो जागते हुए सोने का बहाना कर रहा हो, उसे जगाना मुश्किल है।”
जैसाकि नागरिकता संशोधक कानून के विरोधी स्वर मुखरित कहा जा रहा था कि CAA की आड़ में देश में अराजकता फैला ही मुख्य उद्देश्य है। यह विरोध केवल मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में होना इस शंका को प्रमाणित कर है। जो उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगे ने फिर से प्रमाणित कर दिया है। ऐसे में प्रश्न यह भी होता है कि ताहिर के घर जिन उपद्रवियों का जमावड़ा हुआ था, क्या वह पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठिये तो नहीं थे? क्योकि CAA वास्तव में उन्ही के विरुद्ध है, किसी भारतीय मुसलमान के विरुद्ध नहीं। लेकिन अराजक तत्व नेता के रूप में उन्ही लोगों से खून की होली खेलते नज़र आए, जिन्होंने उन्हें अपना वोट दिया।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगों के दौरान आप पार्षद ताहिर हुसैन का चॉंदबाग स्थित घर हिंसा का केंद्र था। ऑपइंडिया को स्थानीय लोगों ने बताया कि उसकी इमारत में करीब 3000 दंगाई जमा थे। उसके घर की छत पर पत्थरों और पेट्रोल बम का जखीरा मिला है। यहॉं से पत्थरबाजी हुई थी और पेट्रोल बम फेंके गए थे। आईबी के अंकित शर्मा की हत्या भी उसके ही गुंडों ने की थी।
अब खबर आ रही है कि ताहिर हुसैन फरार हो गया है। दिल्ली हिंसा और अंकित शर्मा की हत्या के सिलसिले में मामला दर्ज होने के ठीक एक दिन बाद उसके फरार होने की खबर सामने आई है। टाइम्स नाउ ने यह जानकारी दी है।
ताहिर हुसैन को कल AAP ने पार्टी से निलंबित कर दिया था। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी कहा था कि दंगा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए, चाहे वो किसी भी पार्टी का हो। इसके बाद ही पार्टी से ताहिर हुसैन की निलंबन की बात सामने आई। खुद पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रात के 10.06 पर इसकी जानकारी दी गई।
ट्वीट में बताया गया कि दिल्ली हिंसा मामले में पार्षद ताहिर हुसैन को जाँच पूरी होने तक आम आदमी पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। लेकिन थोड़ी देर बाद ही पार्टी के ‘अज़ीज़’ नेता ताहिर के बचाव में उतर आए और उसे निर्दोष घोषित करने लगे।
ताहिर हुसैन बेक़ुसूर है बीजेपी अपने नेताओं बचाने के लिऐ और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए ताहिर हुसैन को झूठे केस में फसा रही है ।
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट आने के करीब 16 मिनट बाद यानी 10: 21 पर ही अपने अकाउंट से ट्वीट किया। अमानतुल्लाह ने ताहिर खान को बेकसूर घोषित कर दिया। साथ ही भाजपा पर आरोप लगाया कि अपने नेताओं को बचाने के लिए और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए ताहिर हुसैन को झूठे केस में फँसा रही है।
पार्टी की ओर से आए आधिकारिक बयान और अमानतुल्लाह खान की ओर से जारी बयान में गहरा विरोधाभास है। पार्टी एक ओर जहाँ ताहिर हुसैन के ख़िलाफ़ एक्शन लेकर जनता के सामने अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रही है, वहीं अमानतुल्लाह दंगों में जिसकी मुख्य भूमिका बताई जा रही उसका बचाव कर रहे हैं।
मुख्य संपादक, उगता भारत