आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
देश की बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी जल्द ही भारत की नागरिकता खो सकते हैं। इस बात का खुलासा बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने दिए एक भाषण में किया है।
दूसरे, काफी समय से चर्चा है कि इटली में जन्मे कोई भी व्यक्ति यदि किसी अन्य देश में रहने पर वहां की नागरिकता ले लेता है, उस स्थिति में उसकी इटली की नागरिकता समाप्त नहीं होती। लेकिन कांग्रेस का बोलबाला होने के कारण सोनिया के विरुद्ध उठती आवाज़ों का असर नहीं हुआ। क्योकि उस समय किसी में सोनिया के विरुद्ध बोलने अथवा कार्यवाही करने का साहस नहीं था। कांग्रेस और इसके समर्थक दल विरोधी स्वरों को “देश की बहु” कह कर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता था, परन्तु दोहरी नागरिकता को ठंठे बस्ते में डाल दिया जाता था। लेकिन नागरिकता संशोधक कानून ने उस दोहरी नागरिकता मुद्दे को पुनः जीवित कर दिया है और अपनी नागरिकता को बचाने मुसलमानों को मोहरा बना कर, नागरिकता संशोधक कानून का विरोध करवाया जा रहा है। जबकि भारत में रह रहे किसी मुसलमान की नागरिकता प्रभावित नहीं होने वाली।
हैदराबाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित एक सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में पहुँचे बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “फाइल गृह मंत्री अमित शाह की मेज पर है और जल्द ही वे अपनी नागरिकता खो देंगे।” संविधान की बात करते हुए स्वामी ने कहा कि भारतीय नागरिक होने के दौरान दूसरे देश की नागरिकता लेने वाले लोग स्वतः ही अपनी भारतीय नागरिकता खो देंगे।
दरअसल बीजेपी सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी हैदराबाद विश्वविद्यालय में आयोजित “सीएए– एक समकालीन राजनीति से परे एक ऐतिहासिक अनिवार्यता” विषय पर छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान स्वामी ने दावा किया कि राहुल गाँधी ने इंग्लैंड में व्यवसाय शुरू करने के लिए ब्रिटिश नागरिकता का विकल्प चुना था। हालाँकि, राहुल गाँधी नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं, क्योंकि उनके पिता राजीव गाँधी एक भारतीय थे। लेकिन वह अपनी माँ सोनिया गाँधी की साख का इस्तेमाल करते हुए आवेदन नहीं कर सकते, क्योंकि वह भारतीय नागरिक नहीं थीं।
वहीं, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर बोलते हुए स्वामी ने कहा, “सीएए को ठीक से समझा नहीं गया है, यहाँ तक कि इसका विरोध करने वालों ने भी खुद इस अधिनियम को नहीं पढ़ा है। इस कानून से भारतीय मुसलमानों को कोई प्रभाव नहीं पढ़ने वाला है। रही बात यह तर्क देने की कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भी नागरिकता दी जानी चाहिए, तो यह हास्यापद है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों के बचने के लिए एकमात्र स्थान भारत है। वहीं पाकिस्तान रोहिंग्या मुसलमानों को अपने देश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहा है और यहाँ कुछ लोग चाहते हैं कि पाकिस्तानी यहाँ आएँ।