दादरी। ( सुंदरलाल शर्मा ) यहां के गांव छांयसा में स्थित मोमराज आचार्यकुलम जूनियर हाईस्कूल एक संस्कार आधारित शिक्षा देने के लिए समर्पित संस्थान है ।इसके संस्थापक सेंसर पाल सिंह मलिक ने बताया कि वैदिक दृष्टिकोण से शैक्षणिक संस्कार देना इस विद्यालय का प्रमुख उद्देश्य है।उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गिरते हुए स्तर को शुद्ध करने और बच्चों के भीतर संस्कार आधारित शिक्षा के गुण भरने के लिए इस विद्यालय की स्थापना की गई। उन्होंने बताया कि विद्यालय में चरित्रवान सुशिक्षित और योग्य अध्यापक और अध्यापिकाओं को रखने का उनका कड़ा निर्णय है। जिससे कि हम बच्चों के भीतर अच्छे संस्कारों का आधान कर सकें। ‘उगता भारत ‘ के साथ एक विशेष बातचीत में श्री मलिक ने बताया कि यहां पर रविंद्र कुमार आर्य व देवेंद्र आर्य सहित कई समाजसेवी आर्य संस्कारों पर आधारित यज्ञ आदि भी कराते रहते हैं। साथ ही कुछ ऐसी गतिविधियों को भी यहां पर लाने का प्रयास किया जाता है जिससे बच्चों का बौद्धिक विकास हो सके।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी व 15 अगस्त पर तो विद्यालय में देशभक्ति और संस्कृति को झलकाने वाले कार्यक्रम आयोजित कराए ही जाते हैं उसके अतिरिक्त अन्य अवसरों पर भी बच्चों के भीतर की प्रतिभा को निखारने के दृष्टिकोण से सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाते रहते हैं । जिससे कि बच्चे योग के प्रति समर्पित हो और अपनी भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव रखकर आगे भविष्य में अपने जीवन का कल्याण कर सकें।इस विद्यालय में प्राचार्य के पद पर कार्यरत मोहित मलिक ने बताया कि उनका सारा स्टाफ भारतीय संस्कारों पर आधारित शिक्षा देने के लिए संकल्प बद्ध है ।जिससे कि हम एक उज्जवल भारत का निर्माण कर सकें।
मुख्य संपादक, उगता भारत