आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
2014 में जब से केंद्र में मोदी सरकार सत्ता में आयी है, कांग्रेस एवं अन्य विपक्षियों पर किसी न किसी घोटाले उजागर हो रहे हैं, लेकिन जनता जानना चाहती है कि इतने वर्षों में कितनी वसूली हुई? फिर 2019 चुनाव रैलियों में कहा गया कि “जेल के दरवाजे तक पहुंचा दिया है, बस दरवाज़ा पार करवाना है।” जो अब तक नहीं हुआ। इतना ही नहीं, 2014 चुनावों में कहते थे, जिस दिन स्विस बैंकों में जमा काला धन भारत वापस आएगा, लोगों के खातों में लाखों रूपए आएंगे, वो काम भी नहीं हुआ, आखिर क्या कारण है कि अब तक जिस-जिस पर हवाला या फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े हैं, जमानत पर बाहर ऐश कर रहे हैं। यदि किसी कारणवश, 2024 में सत्ता परिवर्तित होने पर, सारे केस वापस ठंठे बस्ते में चले जाएंगे और जनता एक भरोसे वाली मोदी सरकार के मुंह को ताकती रहेगी। यदि यही काम किसी आम नागरिक के साथ होता, पता नहीं कितनी दफाओं में जेल हो चुकी होती। अध्यापक घोटाले में जेल में बैठे चौटाला के पुत्र के हरियाणा के उपमुख्यमंत्री बनते ही जमानत हो गयी, क्यों? आखिर घोटालों की राजनीति से कब तक जनता को पागल बनाया जाएगा?
सोनिया, राहुल, रोबर्ट, प्रियंका, मोतीलाल वोहरा, चिदम्बरम के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के करीबी और पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल पर आयकर विभाग का शिकंजा कस गया है। आयकर विभाग ने पटेल को एक समन जारी करते हुए उन्हें 400 करोड़ के हवाला ट्रांजेक्शन मामले में पेश होने का आदेश दिया है। बता दें कि अहमद पटेल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष के पद पर हैं।
इसके पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अहमद पटेल को 11 फरवरी को समन जारी किया था और 14 फरवरी को पेश होने को कहा था, मगर पटेल तबीयत खराब होने की दलील देकर पेश नहीं हुए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें साँस की दिक्कत है और वह फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल में भर्ती हैं। आयकर विभाग ने अब एक बार फिर से उन्हें समन भेजकर पेश होने के लिए कहा है।
अगर इस बार भी वह पेश नहीं होते हैं तो उनके लिए परेशानी बढ़ सकती है। आयकर विभाग ने यह समन आईटी एक्ट के सेक्शन 131 के तहत जारी किया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस मामले में कांग्रेस के लेखा डिवीजन के अधिकारियों के दफ्तर में भी छापेमारी की थी।
आयकर विभाग विभिन्न कंपनियों द्वारा भेजे गए हवाला ट्रांजेक्शन की जाँच कर रहा है। आरोप है कि हवाला की रकम कांग्रेस के खातों में भी आया था। बताया जा रहा है कि अहमद पटेल के पार्टी के कोषाध्यक्ष होने के दौरान करीब 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम कांग्रेस के खातों में आई थी। पटेल को ये नोटिस मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत से कांग्रेस के खातों में आए पैसों की बाबत दिया गया है।
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्टर्लिंग बायोटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल को पूछताछ के लिए तलब किया था। आरोप था कि अहमद पटेल के बेटे फैसल और दामाद इरफान सिद्दीकी ने स्टर्लिंग बायोटेक घोटाले की धनराशि का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में किया।
संदेसरा बंधुओं ने कारोबार बढ़ाने की बात कहकर स्टर्लिंग बायोटेक के नाम पर आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह से 5,383 करोड़ रुपए का लोन लिया था। मगर उन्होंने वापस नहीं किया। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
मुख्य संपादक, उगता भारत