मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही खींचतान अब मुखर होकर सामने आ गई है। शनिवार (फरवरी 15, 2020) को दिल्ली में वैसे तो सरकार और संगठन के बीच आपसी समन्वय को मजबूत बनाने के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बैठक रखी थी, लेकिन इसमें तल्खी इस कदर दिखी कि सिंधिया बैठक को बीच में छोड़कर चले गए। वहीं कमलनाथ भी सिंधिया को लेकर सख्त दिखे। बैठक खत्म होने के बाद जब उनसे सिंधिया के सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने के ऐलान को लेकर सवाल किया गया, तो नाराजगी भरे अंदाज में उन्होंने इसका जबाब दिया और कहा, “तो उतर जाएँ।”
पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच तल्खी बढ़ने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। साथ ही पूरे मामले से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को भी अवगत कराया गया है। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, “पूरी कांग्रेस पार्टी सिंधिया जी के साथ है। हम सबने घोषणा पत्र में मिलकर वादे किए थे। पाँच सालों में कमलनाथ जी सभी वादों को पूरा करेंगे। ज्यादातर वादों पर काम तेजी से चल रहा है।
वहीं, मध्य प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी महासचिव दीपक बाबरिया ने बताया कि बैठक में पार्टी नेताओं की बयानबाजी और अनुशासनहीनता को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन बैठक में सिंधिया के बयानों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इस बीच उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बैठक छोड़कर जाने के सवाल पर उनका बचाव किया और कहा, “उनकी पहले से ही कोई बैठक तय थी, इसलिए वह जल्दी चले गए। उन्होंने शुक्रवार(फरवरी 14) को मुझे बताया था कि उनकी शनिवार को 12 बजे दूसरी बैठक है, इसलिए वह मीटिंग से जल्दी चले गए।”
कमलनाथ के घर पर हुई इस बैठक में सिंधिया के साथ कई मुद्दों पर नोंकझोंक हुई। इस बैठक में कमलनाथ और सिंधिया के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, जीतू पटवारी, अरूण यादव आदि मौजूद थे। इस बीच पार्टी समन्वय समिति की अगली बैठक में भोपाल में करने को लेकर भी सहमति बनी है।
इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार घोषणा पत्र को पूरी तरह लागू नहीं करती है तो वह सड़क पर उतरेंगे। एक सभा के दौरान उन्होंने कहा था, “घोषणा पत्र का एक-एक अंश पूरा होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सड़क पर उतरेगा।” इसके बाद इस पर कमलनाथ की भी तल्ख टिप्पणी आई, फिर सिंधिया बीच बैठक से निकल गए और फिर भी कांग्रेस कह रही है, “सब ठीक है।”