–मुरली मनोहर श्रीवास्तव
इस विषाणु से संक्रमित होने के अब तक करीब 30 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। चीन में लूनर नववर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिकों ने जब तक इस वायरस की पहचान की, तब तक चीन में लूनर नववर्ष आ गया। बड़ी संख्या में चीन के लोग अपने रोजगार से छुट्टी लेकर घरों को लौटे। 24 जनवरी से शुरू हुआ लूनर नववर्ष और बड़ी संख्या में चीन के लोग एक जगह से दूसरी जगह आने जाने लगे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका इंज्वॉय उनके लिए मौत की सौगात लेकर आएगा। चीन की खुशियां मातम में बदलने लगी। चीन से होते हुए कोरोना वायरस भारत के केरल और अन्य जगहों पर जा पहुंचा। इसको लेकर देश में भी चिंता की लकीरें खींच गईं। इसमें भी सबसे ज्यादा बिहार जहां चीनी बौद्ध भिक्षुओं के लिए बोधगया प्रमुख तीर्थस्थलों में है।
बोधगया के पर्यटन पर भी पड़ रहा है असरः
चीन से पूरी दुनिया में फैलने वाला कोरोना वायरस से बौद्ध तीर्थस्थली बोधगया में इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है। पर्यटन के लिहाज से बोधगया के लिए यह सीजन पर्यटकों के लिए बेहतर माना जाता है। बोधगया आने वाले दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के श्रद्धालुओं के पांव थम गये हैं और वे अपनी यात्रा को रद्द कराने में जुट गये हैं। इस वायरस के भय से चीन, ताइवान, वियतनाम, सिंगापुर, हांगकांग आदि देशों के पर्यटक व बौद्ध श्रद्धालु शामिल यहां आने से कतरा रहे हैं। हलांकि राज्य में पर्यटन के उद्देश्य से बुद्ध सर्किट से जुड़े पर्यटन स्थलों पर चीन व उसके सीमावर्ती देशों से आने वाले सैलानियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावे पटना और बोधगया एयरपोर्ट पर विशेष नजर रखी जा रही है। क्योंकि इन जगहों पर चीन और उसके आसपास के देशों से बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मस्थलों का दर्शन करने के लिए पर्यटक आया करते हैं। ऐसी स्थिति में उनके साथ वायरस आने का खतरा बना रहता है। वहीं दूसरे पहलू पर गौर करें तो पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस वायरस की वजह से पर्यटकों के नहीं आने से करोड़ों रुपये का नुकसान जरुर होगा। कोरोना वायरस के कारण लोग अपनी बोधगया की यात्रा रद्द कर रहे हैं। दलाई लामा की बोधगया में मौजूदगी के कारण चीन व ताइवान जैसे देशों से श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच पाए थे। जब दलाई लामा की वापसी हुई तो पर्यटकों कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। गया और राजगीर में चीन से आने वाले बौध धर्म से जुड़े पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है। साथ ही इससे बचाव को लेकर सभी जिलों और स्वास्थ्य संस्थानों को एडवाइजरी (दिशा-निर्देश) भी जारी किया गया है।जानकारी के अनुसार राज्य में पर्यटन के उद्देश्य से बुद्ध सर्किट से जुड़े पर्यटन स्थलों पर चीन व उसके सीमावर्ती देशों से आने वाले सैलानियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है। इनमें पटना व बोधगया हवाईअड्डा पर भी विशेष रूप से नजर रखने को कहा गया है। इन स्थलों पर चीन व उसके आसपास के देशों से बड़ी संख्या में बौद्ध धर्मस्थलों का दर्शन करने के लिए सैलानी आते हैं। उनके साथ वायरस आने का खतरा है।
चीन में महामारी कैसे फैलती हैः
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए चीन ने एहतियात के तौर पर कई उपाय किए हैं। मगर इस बीमारी से मरने वाले और पीड़ितों की संख्या में इजाफा तेजी से हो रहा है। चीन के कई बड़े शहरों में घर से बाहर साथ भोजन करने पर रोक लगाई गई है, बड़ी इमारतों में लिफ़्ट बंद कर दी गई हैं, साथ ही कितने लोग एक समय में साथ बाहर जा सकते हैं, इसकी सीमा तय की गई है। बात इतनी भयावह हो चुकी है कि चीन के कुछ शहरों से मास्क तक ख़त्म हो चुकी है। इस वायरस के फैलने को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस ने चीन से आने जाने वाली सभी विमानों को तत्काल सेवा से हटा दिया है। साथ ही अगली सूचना जारी नहीं होने तक चीन नहीं जाने की सलाह दे चुके हैं। चीन में फैली इस महामारी के पीछे विशेषज्ञों का मानना है कि चीन से नई-नई बीमारियों के फैलने की बड़ी वजह वहां का फूड मार्केट है। चीन के शहरों में फल-सब्जी से लेकर मीट के मार्केट फैले हुए हैं। चीन के मांस के मार्केट नई बीमारियों की जड़ बनते जा रहे हैं। इस मसले पर विशेषज्ञ बताते हैं कि मीट मार्केट में जानवरों के मांस और ब्लड का ह्यूमन बॉडी से संपर्क होता रहता है, यही वजह है कि वायरस फैली। खासकर हाईजीन में थोड़ी भी चूक वायरस के फैलने में मददगार साबित होती है।
कोरोना विषाणु के लिए वैक्सिन बनाएंगे भारतीय वैज्ञानिकः
कोरोना विषाणुओं का एक समूह है, जिसमें केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते पहले सर्दी-जुकाम होता है। जबकि ‘सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स)’ एक ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रभाव से वर्ष 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हुई थी। डब्ल्यूएचओ की मानें तो कोरोना वायरस एक जुनोटिक है जो जानवरों के माध्यम से मानव में फैलता है लेकिन अब तो यह मानव से ही मानव में फैलने लगा है। इस वायरस को रोकने के लिए भारतीय मूल के वैज्ञानिक एस.एस. वासन के नेतृत्व में एक टीम ऑस्ट्रेलिया की एक लेबोरेट्री में वायरस का पहला बैच तैयार कर कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लिए काम कर रही है। चीन से फैला कोरोना वायरस दर्जनों देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। भारत में भी इसके कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं। अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और सिंगापुर में भी कोराना वायरस से पीड़ित मरीज मिले हैं। कोरोना वायरस के फैलने से पूरी दुनिया में विमर्श और शोध जारी है। चीन में फैसे इस वायरस को लेकर अगर भारत भी अलर्ट नहीं हुआ तो इसकी जद में आने से हो सकता है बड़ा नुकसान।
मुख्य संपादक, उगता भारत