आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
जैसे-जैसे मतगणना का समय निकट आ रहा है, अरविंद केजरीवाल थोड़े से निराश चल रहे हैं। एग्जिट पोल में दिख रही बढ़त के बावजूद उनकी यह निराशा ट्वविटर पर दिख रही है। रविवार (9 फरवरी) को केजरीवाल ने कहा कि वोटिंग के एक दिन बाद भी चुनाव आयोग का मत प्रतिशत से जुड़े अंतिम आँकड़ों को जारी न करना, अचम्भित करने वाला है।
ऐसे में सवाल यह भी होता है कि जिस पार्टी को exit poll में ही बहुमत दिखाया जा रहा हो, मत प्रतिशत जारी हो या न हो, कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए, लगता है exit poll के पीछे कोई गोलमाल है।
रिपोर्ट्स के अनुसार चुनाव आयोग द्वारा अंतिम बार शनिवार रात को मत-प्रतिशत संबंधी आँकड़े जारी किए गए थे, जिसमें वोटिंग प्रतिशत 61.46% बताया गया था। आपको बता दें कि दिल्ली में मतदान शाम 6 बजे समाप्त हो गया था।
मीडिया से बातचीत में केजरीवाल की पार्टी के बड़े नेता संजय सिंह ने कहा कि देश में यह पहली बार हो रहा है कि चुनाव आयोग मतदान संबंधी अंतिम आँकड़े जारी करने को तैयार नहीं है। आँकड़े जारी होने पर हुई देरी के कारण घबराए-बौखलाए संजय सिंह ने कहा कि सभी इस बात का इन्तजार कर रहे हैं कि कितना मत प्रतिशत हुआ, यह कहीं कुछ पकने की आशंका को बल दे रहा है। वर्ना छोटी सी दिल्ली के 70 विधानसभाओं के मत प्रतिशत की आधिकारिक घोषणा वोटिंग खत्म होने के 24 घंटे बाद भी क्यों नहीं की जा रही?
आप नेता संजय सिंह: कल दिल्ली के चुनाव संपन्न हुए, 70 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि चुनाव आयोग ये बताने को तैयार नहीं कि कितने प्रतिशत मतदान हुआ। इसका मतलब कहीं कुछ दाल में काला है, कोई खेल चल रहा है अंदर ही अंदर।केजरीवाल के आज के ट्वीट और संजय सिंह की हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले भी आदमी पार्टी ने ईवीएम को लेकर रोना शुरू कर दिया था। सारे एग्जिट पोल्स में अपनी सरकार बनने की भविष्यवाणियों के बाद भी केजरीवाल एंड पार्टी शायद जमीनी हकीकत से वाकिफ है और इसीलिए प्रतिकूल चुनाव परिणामों के लिए ईवीएम को दोषी ठहराने की कोशिशों में जुट गई है। केजरीवाल की पार्टी ने शक जताया था कि भाजपा ईवीएम में गड़बड़ी करके चुनाव परिणाम में बदलाव कर सकती है।
वोटिंग के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई पार्टी नेताओं की बैठक में तय हुआ है कि AAP के कार्यकर्ता मतगणना तक हर बूथ के ईवीएम पर नजरें बनाए रखेंगे। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, गोपाल राय और प्रशांत किशोर समेत कई बड़े नेता उपस्थित थे।
मुख्य संपादक, उगता भारत