प्रस्तुति : अनिल कुमार पांडे
3 अप्रैल 1967 को चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे उस समय उत्तर प्रदेश के विधानसभा में दो मुसलमान थे…
एक दिन विधानसभा भवन में एक कमाल यूसुफ नाम के विधायक ने चौधरी चरण सिंह से कहा कि चौधरी साहब आप केवल हिंदुओं की वोटों से ही मुख्यमंत्री नहीं बने हो, हमने भी तुम्हें वोट दी हैं, अब हमारी कुछ मांग हैं वह आपको माननी पड़ेगी !
चौधरी साहब ने कहा यदि तुम्हारी मांग मैं ना मानूं तो क्या करोगे ? उस मुस्लिम विधायक ने कहा कि मुसलमान जन्मजात लड़ाकू होता है बहादुर होता है यदि तुम हमारी मांग स्वीकार नहीं करोगे तो हम लड़ करके अपनी मांगे मनवायेंगे !
चौधरी साहब ने कहा – के नीचे बैठ जा वरना जितना ऊपर खड़ा है उतना ही तुझे जमीन में उतार दूंगा ! तुम बहादुर कब से हो गए ? मुसलमान बहादुर बिल्कुल नहीं होता , एक नंबर का कायर होता है ! तुम यदि बहादुर होते तो मुसलमान बनते ही क्यों , यह जितने भी हिंदुओं से मुसलमान बने हैं यह तलवार के बल पर बने हैं ! जो तलवार की नोक को देखकर ही अपने धर्म को छोड़ सकता है और विधर्मी बन सकता है वह बहादुर कैसे हो सकता है !
बहादुर तो हम हैं कि हमारे पूर्वजों ने 700 साल तक मुसलमानों के साथ तलवार बजाई है ! लाखों ने अपना बलिदान दिया है ! लेकिन मुसलमान नहीं बने , तो बहादुर हम हुए या तुम हुए ! तलवार को देखते ही धर्म छोड़ बैठे आज तुम बहादुर हो तुम्हें तो अपने आप को कायर कहना चाहिए , और जो भी हिंदुओं से बना हुआ मुसलमान है पक्का कायर है क्योंकि तुमने इस्लाम को स्वीकार किया था , और मैं तुम्हारी एक भी मॉंग मानने वाला नहीं हूं जो तुम्हें करना हो कर लेना, मैं देखना चाहता हूं तुम कितने बहादुर हो
धन्य हैं ऐसे मुख्य मंत्री !