आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार (जनवरी 31, 2020) को भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कई बड़े वादे किए हैं। गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो आटा, कॉलेज जाने वाली छात्रों को मुफ्त इलेक्ट्रिक स्कूटी, 9वीं जाने वाले छात्रों को निशुल्क साइकिल देने की बात कही गई है।
महंगाई को खुला निमन्त्रण
भाजपा के संकल्प पत्र आने पर चर्चा भी गरमा गयी है कि जो पार्टी केंद्र में सत्ता पर विराजमान होते हुए, महंगाई पर कोई नियंत्रण नहीं कर पायी, वह दिल्ली सत्ता सँभालने पर जब दो रूपए किलो आटा देगी, जबकि गन्दा गेहूं भी दो रूपए किलो नहीं मिल रहा, इतनी अधिक सब्सिडी देने का स्पष्ट मतलब है महंगाई को निमन्त्रण। क्योकि तेल तो तिलों से निकलेगा, आसमान से नहीं टपगेगा।
एक तरफ केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को मुफ्तखोर क्या बना दिया, जिसे देखो मुफ्तखोरी की तरफ भाग रहा कि सत्ता हाथ में आ जाए। महंगाई और टैक्सों को कम करने की तरफ किसी का ध्यान नहीं। जनता को भलीभांति समझना चाहिए कि देश में महंगाई और टैक्सों के बढ़ने का मुख्य कारण है मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाएं। सर्दियों में 10 रूपए बिकने वाला आलू 25 रूपए बिक रहा है, प्याज 70 रूपए, आटा कम से कम 28 रूपए और दालें क्या भाव बिक रही हैं, सभी जानते हैं। देसी शराब के ठेकों पर सबसे ज्यादा भीड़ उन गरीबों की होती है, जिन्हे दो रूपए किलो आटे दिए जाने की बात कही गयी है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने प्रदेश कार्यालय में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि दिल्ली देश का हृदय है। ये एक ऐसा शहर है जो सभी हिन्दुस्तानियों के लिए अभिमान का विषय है। पुराने इतिहास से लेकर पूरे देश का इतिहास दिल्ली से जुड़ा हुआ है और भाजपा का इतिहास भी दिल्ली से ही जुड़ा हुआ है।
नितिन गडकरी ने कहा कि अप्रैल में 16 लेन के दिल्ली-मेरठ रोड का उद्घाटन किया जाएगा। गडकरी ने बताया कि इस 90 किमी रोड के निर्माण में 8 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है। इसके बन जाने के बाद 40 से 45 मिनट में दिल्ली से मेरठ का सफर पूरा हो सकेगा।
संकल्प-पत्र में कहा गया है कि पाँच साल में कम से कम 10 लाख बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा। युवाओं को सफल उद्यमी बनाने के लिए 1,000 करोड़ रुपए के विशेष ‘स्टार्टअप एंड इनोवेशन फंड’ सहित एक दूरदर्शी स्टार्टअप नीति बनाई जाएगी। इसके साथ ही युवाओं के लिए विशवकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों के लिए 100% रोजगार सुनिश्चित होगा।
जहाँ तक रोजगार की बात है, केवल दिल्ली प्रशासन में ही नहीं, बल्कि केन्द्र सरकार के कार्यालयों में ही हज़ारों पद खाली पड़े हैं, जिन पर नियमित नियुक्ति की बजाए अनुबंध पर नियुक्तियां हो रही हैं, सरकार द्वारा निर्धारित वेतन में से दो से तीन हज़ार प्रति माह ठेकेदार ले लेता है। जब कर्मचारी को निर्धारित वेतन से कम मिलेगा, उस स्थिति में वह रिश्वत लेकर कमी पूरी करता है, यही कारण है देश में भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा। पहले UPSC द्वारा नियुक्तियां होती थी, उसकी जगह Staff Selection Board ने ले ली, और अब अनुबंध।
दूसरे यह कि रेलवे अथवा अन्य दूसरे संस्थानों में हो रही परीक्षाओं में रोजगार दलालों की चांदी कटती है। रोजगार समाचार में प्रकाशित होने से पूर्व ही इन दलालों को सूचना मिल जाती है, कि कौन से अंक में कहाँ के आवेदन की मांग होने वाली है, और कितने का ड्राफ्ट अथवा पोस्टल आर्डर कहाँ जमा होना है। दलालों के सम्पर्क में आये निघट्टू भी नियुक्त होने में सफल हो जाते हैं, जबकि योग्य बेरोजगार अपनी किस्मत को कोस कर बैठ जाता है। मंत्री तक इन दलालों को बड़ा सम्मान देते हैं। यह कोई आरोप नहीं एक कटु सच्चाई है, जिसे दूर करने का आज तक किसी भी सरकार ने प्रयास नहीं किया, जबकि मालूम सबको है।
मुख्य संपादक, उगता भारत