नई दिल्ली । (अजय आर्य ) अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संदीप कालिया ने कहा है कि भारत आए हिंदुओं को यदि भारत शरण नहीं देगा तो संसार का और कौन सा ऐसा देश है जो उन्हें शरण दे सकता है ? श्री कालिया ने कहा कि मुस्लिम घुसपैठियों की समस्या को एक मानवीय समस्या कहकर जो लोग भारत में घुसपैठियों के घुसने की वकालत कर रहे हैं वे सारे के सारे देश के गद्दार हैं। जिनके खिलाफ कड़ाई से निपटने के लिए अखिल भारत हिंदू महासभा सरकार का समर्थन करेगी ।
उन्होंने कहा कि जब कश्मीर घाटी से पंडितों का पलायन हुआ और घाटी हिंदुओं से पूरी तरह खाली कराई गई तब इन धर्मनिरपेक्ष नेताओं की आत्मा कहां मर गई थी ?- उस समय क्यों नहीं इन्होंने उन लोगों का मानवीय आधार पर समर्थन किया था ? श्री कालिया ने कहा कि जब हजारों आदिवासियों को ईसाई धर्म में दीक्षित किया जाता रहा तो यह तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेता चेहरा दीवार की तरफ करके खड़े हो गए थे । उनकी इस हरकत को याद करके आज भी इन पर क्रोध आता है ।
हिंदू महासभा के नेता ने कहा कि जब तमिलनाडु या दक्षिण के दूसरे राज्यों में गरीबों को पेट्रो डॉलर की मदद से हिंदू से मुसलमान बना दिया गया तब भी यह धर्मनिरपेक्ष नेता शांत रहे । इनकी ऐसी सोच और हरकत को देखकर शर्म को भी शर्म आ जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में अवैध बांग्लादेशियों ने जनसांख्यिकीय आंकड़े को बिगाड़ दिया है । जिससे वहां का हिंदू अल्पसंख्यक होकर अपने ही देश में अपनी भूमि पर अत्याचार सहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह और भी अफसोसजनक है कि असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोग भारत में रहकर बड़ी शान से यह कह रहे हैं कि 800 साल तक भारत पर हमने शासन किया और हमारे बाप दादा ने लालकिला बनवाया ताजमहल बनवाया आदि आदि । इस पर भी विपक्ष के नेताओं का देश विरोधियों के साथ समर्थन में जाकर खड़ा होना सचमुच कष्टप्रद है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब धर्मनिरपेक्षता की मूर्खतापूर्ण अवधारणा की समीक्षा हो और इसे हमेशा हमेशा के लिए पैदा करने के लिए देश को हिंदू राजनीति के माध्यम से चलाने का सरकार साहसिक निर्णय लेकर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करे ।