शरजील इमाम की गिरफ्तारी पर सिसोदिया का दोहरा मापदंड

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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार (25 जनवरी) को भाजपा सरकार को 24 घंटे के भीतर शरजील इमाम को गिरफ़्तार करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि यदि शरजील को नहीं किया गया तो इसका मतलब है कि उसे इस तरह का भड़काऊ भाषण देने के लिए भाजपा ने ही भेजा था।
सिसोदिया ने एक बार अपनी दोहरी मानसिकता पर पर्दा डालने का साहस किया है। जबकि शरजील जब देश को तोड़ने का आपत्तिजनक जहर उगल रहा था, उसके साथ उन्हीं की पार्टी का विधायक अमानुल्ला खान भी था। लेकिन सिसोदिया ने अपने इस विधायक को न ही पार्टी से निकाला और न ही उसकी गिरफ़्तारी के लिए एक भी शब्द बोला। जो इनकी दोहरी मानसिकता को दर्शाता है। दूसरे, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने वालों पर देशद्रोह मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार ने इजाजत नहीं देना भी प्रमाणित करता है कि आम आदमी पार्टी का देशद्रोहियों को गुप्त समर्थन है। और जनता को भ्रमित करने भाजपा को आरोपित कर अपना दामन बचाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर जैसे ही यह शरजील का वीडियो आया, यूजर्स ने उसे पहचान कर आप पार्टी को नसीहत देनी शुरू कर दी। एक यूज़र ने लिखा कि AAP का नेता अमानतुल्लाह खान पहले दिन से ही शरजील इमाम के साथ दिखाई दे रहा था।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिसोदिया ने कहा कि एक व्यक्ति जो असम को भारत से अलग करने की बात कर रहा है और ऐसे समय में बीजेपी उस पर एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रही है, यह बड़ी अश्चर्यजनक बात है। उन्होंने कहा कि शरजील को गिरफ़्तार करने के लिए वो भाजपा को 24 घंटे की मोहलत दे रहे हैं और अगर ऐसा नहीं हो सका तो इसका मतलब वो भाजपा का आदमी है और भाजपा को देश की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है।
इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा था, “दोस्तों शाहीन बाग़ की असलियत देखें: 1) असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी ज़िम्मेदारी 2) “Chicken Neck” मुसलमानो का है 3) इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फ़ौज Assam जा ना सके 4) सारे ग़ैर मुसलमानों को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा If this is not ANTI NATIONAL then what is?”
इस ट्वीट के बाद संबित पात्रा ने कॉन्फ्रेन्स कर शाहीन बाग में CAA के ख़िलाफ़ विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को लेकर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की बातें शाहीन बाग में हो रही हैं वास्तव में उसे ‘दिशाहीन बाग’ या ‘तौहीन बाग’ कहना चाहिए।

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