(दिल्ली ब्यूरो ) दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल हमेशा मोदी सरकार पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का झूठा आरोप लगाते रहते हैं जबकि वह खुद ही ऐसी राजनीति कर वोटबैंक का खेल खेलते हैं।
भाजपा के मॉडल टाउन से उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल शाहीन बाग में बैठे लोगों के प्रति संवेदना दिखाते हैं, जो लोग बसों में तोड़फोड़ करते हैं, हिंसा करते हैं, उनके साथ खड़े होते हैं। देश के टुकड़े करने के नारे लगाने वाले उमर खालिद और कन्हैया कुमार के खिलाफ मामला चलाने में सहयोग नहीं करते हैं।
भाजपा के मॉडल टाउन से उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल शाहीन बाग में बैठे लोगों के प्रति संवेदना दिखाते हैं, जो लोग बसों में तोड़फोड़ करते हैं, हिंसा करते हैं, उनके साथ खड़े होते हैं। देश के टुकड़े करने के नारे लगाने वाले उमर खालिद और कन्हैया कुमार के खिलाफ मामला चलाने में सहयोग नहीं करते हैं।
टुकड़े-ट्कड़े गैंग को समर्थन
दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में लगे भारत विरोधी नारे लगाने वालों के विरुद्ध देशद्रोह का मामला दर्ज किया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के अनुसार राज्य सरकार की इजाजत जरुरी होती है, परन्तु केजरीवाल की सरकार ने अभी तक देशद्रोह चलाने की पुलिस को इजाजत नहीं दी, जो सिद्ध करता है कि केजरीवाल और इनकी पार्टी टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़ी है। क्या ऐसे नेताओं और इनकी पार्टी से देशहित तो क्या जनहित की कामना करना ही व्यर्थ है।
देश का हिंदू चुपचाप खड़ा देख रहा है : कपिल मिश्रा
विशेष समुदाय की राजनीति करने पर कपिल मिश्रा नो केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति बीजेपी नहीं कर रही बल्कि केजरीवाल कर रहे हैं।
केजरीवाल एक खास समुदाय के लोगों को तो मुआवजा भी देते हैं और उनके साथ भी खड़े होते हैं जबकि देश का हिंदू चुपचाप खड़ा देख रहा है। उसको सब समझ में भी आ रहा है कि कौन कर रहा है ध्रुवीकरण की राजनीति।
कोरे दावे करते हैं केजरीवाल
कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के विकास के नारे को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच सालों के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार पर काम न करने देने का आरोप लगाए हैं।
केजरीवाल अब जिन बातों को विकास के तौर पर पेश कर रहे हैं, वह सिर्फ कोरे दावे हैं, क्योंकि पिछले पांच सालों के दौरान एक भी नया स्कूल, एक भी नया अस्पताल, एक भी नया फ्लाईओवर नहीं तैयार किया गया। केजरीवाल ने जनता के पैसे का इस्तेमाल कर खुद की छवि चमकाने के लिए प्रचार में किया।
मुस्लिम वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार
केजरीवाल की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर है। इस वोट बैंक को पाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उनका हमेशा प्रयास रहा है कि मुस्लिम वोट नहीं बंटे और पूरे वोट उसे ही मिले। लोकसभा चुनाव-2019 के दौरान केजरीवाल ने सिविल लाइन स्थित अपने निवास पर ऑल इंडिया शिया सुन्नी फ्रंट के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि मुस्लिम वोट बैंक नहीं बंटे इसके लिए हम कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते थे। गठबंधन के लिए हर संभव प्रयास किए। मगर कांग्रेस ने गठबंधन नहीं किया। अब अगर मोदी जी दोबारा से सत्ता में आते हैं तो इसके लिए राहुल गांधी जिम्मेदार होंगे।
चुनाव के समय खेला ‘जाति कार्ड’
पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में आने वाले आशुतोष ने भी आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया। आशुतोष ने ट्वीट कर ये आरोप लगाया कि पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी नेताओं ने उनसे उनकी जाति का इस्तेमाल करने को कहा था। उन्होंने लिखा, ’23 साल के पत्रकारिता करियर में मुझे कभी अपनी जाति का इस्तेमाल नहीं करना पड़ा, लेकिन जब मैं आम आदमी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा, तब मुझे जाति का इस्तेमाल करने को कहा गया।’ साफ है आशुतोष को पता चल गया था कि आम आदमी पार्टी जाति आधारित राजनीति को बढ़ावा देती है। फिर भी वो चार साल तक पार्टी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहे, लेकिन फैसला तब जाकर किया जब राज्यसभा सांसद बनने के उनके अरमानों पर अरविंद केजरीवाल ने पानी फेर दिया।