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राहुल गांधी को चुनकर केरल के लोगों ने विनाशकारी काम किया: इतिहासकार रामचंद्र गुहा मोदी आलोचक

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार

एक तरफ कांग्रेस और इसके समर्थक दल CAA को लेकर मोदी सरकार का विरोध कर रहे हैं, लेकिन विरोध पूर्णरूप से पदभ्रष्ट हो चूका है। इस कटु सच्चाई को हर भारतीय को अच्छी तरह समझ भी आने लगी है। उसका कारण है, जब विरोध CAA को लेकर है,

फिर प्रदर्शनकारी हिन्दू-विरोधी नारे क्यों लगा रहे हैं? उसका भी कारण है कि राहुल गाँधी ने स्वयं स्वीकार किया है कि ‘कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है’, दूसरे यह राहुल गाँधी के दादा फिरोज जहांगीर एक पारसी मुसलमान थे, फिर परिवार हिन्दू कब बना?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक माने जाने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वायनाड से राहुल गाँधी को चुनकर केरल के लोगों ने विनाशकारी काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गाँधी का कोई भविष्य नहीं है। केरल साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार (17 जनवरी, 2019) को ‘राष्ट्र भक्ति बनाम अंधराष्ट्रीयता’ विषय पर बोल रहे रामचंद्र गुहा के सुर बदले-बदले से रहे। उन्होंने कहा कि ‘खानदान की पाँचवी पीढ़ी’ के राहुल गाँधी के पास भारतीय राजनीति में ‘कठोर परिश्रमी और खुद मुकाम बनाने वाले’ नरेंद्र मोदी के सामने कोई मौका नहीं है।

2024 में भी दोबारा राहुल गाँधी को चुनने की गलती करेंगे तो आप नरेंद्र मोदी को फायदा पहुँचाएँगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं निजी तौर पर राहुल गाँधी के खिलाफ नहीं हूँ। वह सौम्य और सुसभ्य व्यक्ति हैं लेकिन युवा भारत एक खानदान की पाँचवी पीढ़ी को नहीं चाहता। अगर आप (मलयाली लोग) साल 2024 में भी दोबारा राहुल गाँधी को चुनने की गलती करेंगे तो आप नरेंद्र मोदी को फायदा पहुँचाएँगे।’’ वहाँ मौजूद केरल वासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केरल ने भारत के लिए कई बेहतरीन काम किए हैं, लेकिन उन्होंने संसद के लिए राहुल गाँधी को चुनकर एक विनाशकारी कार्य किया है।

अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए रामचंद्र गुहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वो राहुल गाँधी नहीं हैं। नरेंद्र मोदी और राहुल गाँधी के बीच अंतर समझाते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा, “नरेंद्र मोदी ने अपनी शख्सियत खुद बनाई है। उन्होंने खुद यह मुकाम हासिल किया है। वे सेल्फमेड हैं। उन्होंने 15 वर्षों तक एक राज्य को चलाया है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव है। वे जबर्दस्त रूप से परिश्रमी हैं और कभी यूरोप में छुट्टियाँ मनाने नहीं जाते। विश्वास करें, मैं ये बातें पूरी गंभीरता के साथ कह रहा हूँ।”

गुहा ने कहा कि आजादी के दौरान ‘महान पार्टी’ रही कॉन्ग्रेस अब ‘दयनीय पारिवारिक कंपनी’ बन चुकी है। हिंदुत्व और अंधराष्ट्रवाद के विकास का यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है। गुहा ने कहा कि अगर राहुल गाँधी ‘ज्‍यादा समझदार, ज्‍यादा मेहनती होते और कभी यूरोप में छुट्टियाँ नहीं मनाते’ तो भी वह पाँचवीं पीढ़ी के शासक के नाते, अपनी मेहनत से आगे बढ़ने वाले मोदी के आगे फायदेमंद नहीं रहते। इतिहासकार ने सोनिया गाँधी पर भी निशाना साधा। गुहा ने कहा कि सोनिया गाँधी उन्‍हें ‘खत्‍म हो चुके मुगल वंश’ की याद दिलाती हैं जो अपने साम्राज्‍य की स्थिति से अंजान थे।गुहा ने कहा, ‘भारत लोकतांत्रिक बन रहा और सामंतवाद कम हो रहा है और गाँधी परिवार इसे अभी समझ नहीं रहा है। आप (सोनिया गाँधी) दिल्‍ली में हो, आपका साम्राज्‍य लगातार सिकुड़ रहा है लेकिन आपके चमचे आपको अभी भी बता रहे हैं आप अभी भी बादशाह हो।’

उन्‍होंने गाँधी-नेहरू परिवार के बारे में कहा कि आपके गलतियों की सजा आने वाली सात पीढ़‍ियों को भुगतना होगा। गुहा ने कहा कि राहुल गाँधी की वजह से नरेंद्र मोदी जवाहर लाल नेहरू का मुद्दा उठाते हैं और कहते हैं कि नेहरू ने ‘चीन में यह किया, कश्‍मीर में यह किया, तलाक में यह किया।’ उन्‍होंने कहा कि अगर राहुल गाँधी राजनीतिक परिदृश्‍य से गायब हो जाते हैं तो मोदी को अपनी नीतियों और उनकी असफलता के बारे में मजबूरन बात करना ही होगा।

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