अहमदाबाद पुलिस ने कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को 2015 के एक राजद्रोह के मामले में शनिवार (18 जनवरी) को निचली अदालत में पेश नहीं होने के कारण गिरफ़्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश की किया गया, जहाँ से 24 जनवरी तक न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दरअसल, कोर्ट से वारंट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया। वहीं, DCP राजदीप सिंह जाला ने पटेल की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया, “हार्दिक को अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका, जो उनका गृह क्षेत्र भी हैं, के हांसलपुर चौराहे के पास से पकड़ा गया। उसे आज रात क्राइम ब्रांच की लॉक अप में रखा जाएगा और 19 जनवरी को छुट्टी का दिन होने के कारण जज के आवास पर पेश किया जाएगा।”
इसके बाद, हार्दिक पटेल को शनिवार देर रात अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहाँ से पटेल को 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बता दें कि अदालत ने सुनवाई के दौरान बार-बार अनुपस्थित होने के कारण पटेल के ख़िलाफ़ वारंट जारी किया गया था।
हार्दिक पटेल को इससे पहले भी गिरफ्तार किया जा चुका है। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद जुलाई 2016 में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था। नवंबर, 2018 में हार्दिक पटेल और अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे, लेकिन इसी बीच पटेल ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद राज्य में हुई तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर यहाँ की क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में हार्दिक पटेल सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। हिंसा के दौरान आंदोलनकारियों ने कई सरकारी बसों, पुलिस चौकियों और अन्य सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित लगभग दर्जन भर बेगुनाह लोग मारे गए थे। पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए और हिंसा फैलाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया था।
मुख्य संपादक, उगता भारत