ग्रेटर नोएडा । अभी हाल ही में योगी सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले के चलते जिले के पहले पुलिस कमिश्नर श्री आलोक सिंह ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। श्री आलोक सिंह प्रारंभ से ही साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों में गिने जाते रहे हैं। यही कारण रहा कि उन्हें प्रदेश के इस सबसे महत्वपूर्ण जिले का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया। श्री सिंह यदि जनपद गौतमबुद्ध नगर और उसमें भी विशेष रूप से नोएडा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की शांति व्यवस्था को बेहतरीन बनाने में सफल रहे तो निश्चय ही उनकी नियुक्ति ऐतिहासिक होगी।
यहां पर यह ध्यान रखने योग्य बात है कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेसवे जैसी सड़क पर चढ़कर बाहरी तत्व आकर यहां पर शरारत करने के लिए कुख्यात रहे हैं । लेकिन उसका दोष यहां के स्थानीय लोगों पर लगता रहा है । अब वास्तविक अपराधी तक पहुंचना और इस प्रकार के आयातित अपराधियों से जनपद को मुक्त कराना पुलिस कमिश्नर और उनके सहयोगीयों की प्राथमिकता होनी चाहिए। दूसरे अभी तक जिन कार्यों को डीएम , एसडीएम एवं तहसीलदार देख रहे थे उन कार्यों के लिए अब यह सभी अधिकारी चाहकर भी जनता को कोई सहयोग नहीं कर पाएंगे। ऐसे में पुलिस की उस छाप से लोगों को बाहर निकालना भी पुलिस कमिश्नर का पहला एक महत्वपूर्ण कार्य होगा जिसके चलते लोग थानों में घुसने से भी भय खाते हैं। यद्यपि थानों में भले लोगों का प्रवेश होना चाहिए पर सच्चाई यह है कि पुलिस के भय के चलते लोग पुलिस थानों में जाने से बचते हैं ।
ऐसे में पुलिस के व्यवहार में सुधार लाकर उसे लोगों के लिए सहयोगी बनाना और लोगों को समय पर न्याय दिलाना भी जनपद गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर के लिए एक चुनौती होगी। इसके अतिरिक्त यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य जनपद गौतम बुद्ध नगर के साथ जुड़ा है कि इसकी आबादी हर साल गुणात्मक रूप से बढ़ रही है , अगले पांच वर्ष में यहां पर 10 लाख लोग तक जुड़ सकते हैं । ऐसे में अन्य विभागों के साथ उचित तालमेल कर जन समस्याओं का समय से समाधान कराना भी बहुत आवश्यक है ।
इस सबके बावजूद पुलिस कमिश्नर श्री आलोक सिंह की साफ-सुथरी छवि और कर्तव्य के प्रति निष्ठा को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह इन सभी समस्याओं पर पार पाएंगे और जिस प्रकार उन्होंने जनपद गौतमबुद्ध नगर का पहला पुलिस कमिश्नर बनकर इतिहास रचा है , उम्मीद की जाती है कि वैसा ही इतिहास वह इन समस्याओं से जनपद वासियों को निजात दिलाकर रचेंगे।
मुख्य संपादक, उगता भारत